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नन्हे प्रद्युम्न की मासूम चिट्ठी - अपनी माँ को अपने प्रेम की पाति

किसी भी माँ बाप के लिए यह वे क्षण बड़े ही कीमती होते हैं जब उनके बच्चे उनके प्रति अपना प्यार जताते हैं, उन मासूम शब्दों के आगे दुनिया के हर ग्रन्थ निशब्द हैं। एक चिट्ठी जिसमे नन्हे प्रद्युम्न ने अपनी टूटी फूटी हिन्दी में लिखकर बताया था कि वो अपनी मां से कितना प्यार करता है। जब उसने ये चिट्ठी लिखी थी तब वह पहली कक्षा में था और उसे ठीक से लिखना भी नहीं आता था। अपनी इस पहली कक्षा में लिखी गई इस चिट्ठी में मां के लिए उसका प्यार नजर आ रहा है। इस चिट्ठी में प्रद्युम्न ने लिखा है;

“आज मैं अपनी मां के बारे में बोलूंगा। मां तुम कितना काम करती हो। जब तुम्हारा काम खत्म हो जाता है तो तुम ट्यूशन के लिए परेशान हो जाती हो। जब तुम मुझे डांटती हो तो ऐसा लगता है कि मुझे प्यार कर रही हो।”


आज जब हर माँ बाप इन शब्दों को पढ़ते हैं तो जैसे दिल फ़ट पड़ता है, हे नन्हे दोस्त तुम जहाँ भी रहो खुश रहो।