Top Story

पेचव्हेली कालेज में एनएसयूआई, एबीवीपी आमने सामने

एनएसयूआई ने किया अनशन, एबीवीपी ने सौंपा ज्ञापन


परासिया। पेंचव्हेली कालेज में एनएसयूआई और एबीवीपी के एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने से छात्र राजनीति गर्मा गई। दोनों संगठनों ने एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप किए। एनएसयूआई ने अनशन प्रारंभ किया तो वहीं एबीवीपी ने एनएसयूआई खिलाफ ज्ञापन सौंपा।

इससे पहले एनएसयूआई ने कालेज प्रशासन के विरुद्ध क्रमिक अनशन की घोषणा की थी। इसी के तहत आज सुबह एनएसयूआई ने कालेज परिसर में पंडाल लगाकर अनशन प्रारंभ किया। एनएसयूआई ने अपने इस अनशन को कालेज में बाहरी तत्वों के प्रवेश को लेकर विरोध के रूप में प्रारंभ किया है।  एनएसयूआई का कहना है कि कालेज में बाहरी तत्व प्रवेश कर कालेज का माहौल खराब करते है। इसी के चलते आज पहले दिन सत्यम बावने क्रमिक भूख हडताल पर बैठे। युवा काँग्रेस विधानसभा अध्यक्ष गगन सिंघ खण्डूजा , सांसद प्रतिनिधि सागर बावरिया, विधायक प्रतिनिधि ईरशाद बेग,एनएसयूआई अध्यक्ष वरूण जायसवाल तथा युंका पदाधिकारी सुरेन्द्र सिंघ जग्गी , मुकुल दूबे द्वारा भूख हडताल पर बैठे छात्रों को तिलक एवम् माला पहनाकर हडताल प्रारंभ करवायी गयी। अनशन स्थल पर विधायक सोहन वाल्मिक भी पहंुचे। यहां उन्होंने अनशन पर बैठे छात्रों से मुलाकात की और चर्चा कर इस मामले को उच्च स्तर पर उठाने का आश्वासन दिया।

एनएसयूआई खराब कर रही कालेज का माहौल-एबीवीपी


इधर एबीवीपी ने आज परासिया में मार्च किया। बडी संख्या में युवा परासिया एसडीएम कार्यालय पहंुचे और कालेज परिसर मंे एनएसयूआई के आंदोलन को शासन के नियमांे के विुरद्ध बताया। एबीवीपी के मनेश डिंडोरिया और साथियों ने एसडीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा कि प्रदेश सरकार कालेज को धारा 144 के तहत रखती है। यहां निषेधाज्ञा लागू होती है। ऐसे में एनएसयूआई कालेज परिसर में आंदोलन कर रही है।

एनएसयूआई नियमों का उल्लंघन कर कालेज में आंदोलन कर कालेज का माहौल खराब कर रही है। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि कालेज के विद्यार्थियों का इस आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। पंडाल में छात्रो को जबरन बुलाया जा रहा है। कालेज परिसर में आंदोलन कर पंडाल लगाकर पढाई बाधित की जा रही है। इसलिए एनएसयूआई पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

हताश संगठन की प्रतिक्रिया है आंदोलन


इधर एबीवीपी के रूपेंद्र डहेरिया ने कहा कि एनएसयूआई का यह आंदोलन हताश संगठन की प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई का कालेज में वजूद नहीं है। अब जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष भी दूसरे दल से है। कालेज के विद्यार्थियों की हर समस्या को एबीवीपी ने हल किया। किराया कम कराया। विद्यार्थियों की उन्नति के लिए कार्यक्रम किए। ऐसे में एनएसयूआई के पास अब कोई काम बचा नहीं है। जबकि एनएसयूआई ने नीतू सूर्यवंशी नामक छात्रा का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया जिससे छात्रा को जेल जाना पडा। सब ओर से हताश एनएसयूआई ने अब यह आंदोलन कर विद्यार्थियों को नुकसान पहूँचाने का काम किया है। इसलिए इस आंदेालन को कालेज के विद्यार्थियों का समर्थन हासिल नहीं है।