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आसाराम की बेटी श्रीभारतीश्री आश्रमों को संभालने का काम कर रही हैं

आसाराम की बेटी श्रीभारतीश्री, जो अब अहमदाबाद और देशभर में फैले आसाराम के आश्रमों को संभालने का काम कर रही हैं। वो नाटकीय तरीके प्रवचन देती हैं। नाचती हैं, गाती हैं। फूलों की उसी तरह श्रृंगार करती हैं, जिस तरह उनके पिता करते थे। भारतीश्री वो सबकुछ करती हैं, जो एक भीड़जुटाने में पारंगत संत करते हैं। वह हाथ उठाकर भीड़कर को उत्साहित करने की कोशिश करती हैं। प्रवचन से पहले संगीत में वो खुद बीच बीच में गाती हैं और थिरकती हैं। फिर बहुत परिपक्वता के साथ प्रवचन करती हैं। प्रवचन करते समय वो मंजी हुई प्रवचनकर्ता लगती हैं। जब आसाराम को गिरफ्तार किया गया था तो जिन पीड़िताओं ने उन पर आरोप लगाए थे, उनके निशाने पर भारती भी थीं। बताया जाता है कि उस समय वो फरार भी हो गईं थीं लेकिन अब वो इसका खंडन करती हैं, कहती हैं-ऐसा कभी नहीं हुआ।

भारती पर आरोप


आरोप ये भी लगे थे कि भारती ही वो शख्स थीं, जो आसाराम के कहे अनुसार लड़कियों को आश्रम से उनके पास भेजती थीं। एक पूर्व साधक अमृत प्रजापति ने आरोप लगाया था कि आसाराम भारती को फोन करते थे और वो गाड़ी से लड़कियां लाती थीं। लेकिन बाद में दिए इंटरव्यू में भारती ने इन आरोपों का हमेशा खंडन किया। सत्तर के दशक में आसाराम बापू ने का साम्राज्य आध्यात्म खड़ा किया था। फिर आसाराम की भक्ति के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उनके बेटे नारायण साईं आ गए। लेकिन इतना ही काफी नहीं था। जल्द ही भारती भी इससे जुड़ गईं। 15 दिसंबर 1975 को जन्मी भारती ने महज 12 साल की उम्र में दीक्षा ली थी। फिर चौदह साल तक ध्यान और योग किया। फिर लगाने लगीं दरबार। बताया जाता है कि वो एम कॉम तक पढ़ी हैं।

भारती का जीवन हमेशा से ऐसा नहीं था। आम महिलाओं की तरह उन्होंने भी गृहस्थी बसाने की कोशिश की थी। 1997 में भारती की शादी डॉक्टर हेमंत से हुई थी। शुरू में तो ठीक चला लेकिन फिर दोनों के रिश्तों में तनाव आने लगा। नतीजा तलाक के रूप में सामने आया। अब वो पिता के साम्राज्य में महिला आश्रमों का कामकाज देखनी लगीं। साथ में प्रवचन करने लगीं।

 

Asaram's daughter is working to handle Shri Bharatishree Ashrams