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वर्ष 2021 तक प्रमाणित जैविक खेती का क्षेत्रफल 4 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का लक्ष्य

वर्तमान में 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है जैविक खेती


किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा प्रदेश में वर्ष 2021 तक प्रमाणित जैविक खेती का क्षेत्रफल 4 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का कार्यक्रम तय किया गया है। अभी प्रदेश में प्रमाणित जैविक खेती का क्षेत्रफल करीब 2 लाख हेक्टेयर है। प्रदेश में जैविक खेती प्रमुख रूप से नर्मदा नदी के किनारे की जा रही है। मध्यप्रदेश को देश में सर्वाधिक प्रमाणित जैविक कृषि क्षेत्र होने का गौरव प्राप्त है।


प्रदेश में वर्ष 2011 से जैविक नीति लागू की गई है। इसके बाद प्रदेश में वर्ष 2014 में जैविक खेती विकास परिषद् का गठन किया गया। ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश की गिनती जैविक कपास उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणीय क्षेत्र के रूप में होती है।


राज्य में किसानों को जैविक खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। अलीराजपुर, झाबुआ, बैतूल, खंडवा, सागर, दमोह, छिन्दवाड़ा, मंडला, बालाघाट, उमरिया, डिण्डोरी, कटनी, अनूपपुर, श्योपुरकला, भोपाल और सीहोर जिले के 32 विकासखंडों को प्रमाणित जैविक खेती योजना में शामिल किया गया है। जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जैविक बीज उत्पादन के लिये 8 विभागीय शासकीय प्रक्षेत्रों को पूर्णत: जैविक बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिये चयनित किया गया है।