कांदिवली (वेस्ट) के 'ठाकोर चाल' के दर्जनों लोग नरकीय जीवन जीने के लिए मज़बूऱ
मुंबई। कांदिवली (वेस्ट) एम जी रोड पर 'श्री रामकृष्ण शिक्षण मंडल' के स्कूल के पीछे एक छोटी चाल है,'ठाकोर चाल' है।जहाँ पर दर्जनों लोग १९४७ से रहते है।उसके बाजु में स्कूल बना है और दोनों ओर बिल्डिंग बन रही है। जिसके कारण वहाँ की बिजली लाइन और पीने के पानी की लाइन कभी भी ख़राब हो जाती या टूट जाती है,लेकिन इलेक्ट्रिक विभाग और महानगर पालिका में शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है। यहाँ तक की महानगर पालिका उनको शौचालय तक बनाने की परमिशन नहीं दे रही है,जिसके कारण बुजुर्गों, महिलायों और बच्चों को काफी दूर शौचालय के लिए जाना पड़ता है।जबकि वे लोग कोर्ट से भी केस जीत चुके है कि यह उनकी जमीन है। इसलिए वहां के निवासी रमेश नागजीभाई ठाकोर,अरविन्द कांतिलाल ठाकोर,कनू नागजीभाई ठाकोर, गीताबेन कांतिलाल ठाकोर इत्यादि लोगों ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके परिवार को जीवन की बुनियादी सुविधा देने का कष्ट करे।
'ठाकोर चाल' के रहवासियों ने कहा," अभी तक हमलोग बीएमसी में २०१३ तक प्रॉपटी टैक्स जमा करते थे लेकिन उसके बाद से उन्होने टैक्स लेना बंद कर दिया है।कहते है कि कोई और उनका टैक्स भरता। कौन है?हमलोगों को भी पता नहीं और ना ही बताया जा रहा है।चाल के बाजू में स्कूल और बिल्डिंग बन जाने के कारण चाल तीन फुट नीचे हो गयी है और बारिश का पानी जमा हो जाता है जिसके कारण लोग हमेशा बीमार पड़ जाते है। शौचालय बनाने के सुविधा भी नहीं मिल रही है और ना ही घर बनाने की। आखिर हमारी गलती क्या है ? क्या हम भारत के नागरिक नहीं है?हम लोग नरकीय जीवन जीने के लिए मज़बूऱ है। सरकार जल्द ही इसपर उचित कार्यवाही करे, हम लोग यही चाहते है। "