विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में उच्च प्रदर्शन करने लायक बनायें- राज्यपाल श्रीमती पटेल
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में भाग लेकर उच्च प्रदर्शन करने लायक बनाने का प्रयास भी करना चाहिए। अभी दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्र-छात्राएँ प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने में संकोच करते हैं। उनमें आत्म-विश्वास और ज्ञान बढ़ने से संकोच खत्म हो सकेगा। राज्यपाल ने आज म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में यह बात कही। समारोह में उन्होंने मेधावी छात्र-छात्रओं को उपाधियाँ प्रदान की।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का मतलब सिर्फ डिग्री लेना नहीं है। इस अवसर पर विद्यार्थियों को समाज सुधार का संकल्प भी लेना चाहिए। छात्र-छात्राएँ जब समाज की समस्याओं को दूर करने की ओर ध्यान देने लगेंगे, तभी शिक्षा का सही महत्व सिद्ध हो सकेगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से भोजन-पानी की बरबादी न करने और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखने का संकल्प लेने का आव्हान किया।
राज्यपाल ने शिक्षकों से कहा कि छात्र-छात्राओं को उनकी रूचि के अनुसार पाठ्यक्रम पढ़ने के लिये प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली ही एक ऐसी विधि है, जिसके माध्यम से किसी भी उम्र में विद्यार्थी अध्ययन कर सकता है। कामकाजी और खेत पर काम करने वाली महिलाएँ भी इस प्रणाली का लाभ उठा सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र या अवस्था नहीं होती। इसलिए हर वर्ग की महिलाओं और पुरूषों को इस प्रणाली का लाभ उठाना चाहिए।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय (मुक्त) विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति डॉ नागेश्वर राव ने कहा कि विश्वविद्यालय में तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश विश्व में युवा शक्ति की दृष्टि से सर्वोच्च स्थान पर है। विद्यार्थियों को उच्च स्तर पर शिक्षा प्राप्त कर देश के सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करना चाहिए।
विश्वविद्यालय कुलपति श्री डी.डी. अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य किसी कारण से महाविद्यालयों में नियमित न रहने वाले छात्र-छात्राओं तथा दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं और पुरूषों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना है। श्री अग्रवाल ने उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को दीक्षांत शपथ दिलाई और दीक्षांत उपदेश दिया। समारोह में बड़ी संख्या में दूरस्थ क्षेत्रों से आये छात्र-छात्राएँ, अभिभावक, शिक्षक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।