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टमाटर की खेती से छिन्दवाड़ा जिले के किसान लखनलाल की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत

छिन्दवाड़ा जिले के किसान लखनलाल को टमाटर की खेती से काफी फायदा हुआ है। आज उनकी गिनती क्षेत्र में प्रगतिशील किसान के रूप में होती है। प्रदेश में राज्य सरकार खेती को लाभ का धन्धा बनाने के लिये किसानों को परम्परागत फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसल लेने की भी समझाइश दे रही है। जिन किसानों ने उद्यानिकी फसलों को अपनाया है, आज वे आर्थिक रूप से सक्षम हो गये है।


मोहखेड़ विकासखंड के ग्राम राजेगांव के लखनलाल डोंगरे लघु सीमांत कृषक हैं। उनके पास 5 एकड़ भूमि है, जिसमें परम्परागत रूप से फसल लेते रहे है। सिचांई के लिये कुआं होने के बावजूद उन्नत तकनीक के अभाव में उन्हे खेती से पर्याप्त लाभ नहीं मिल रहा था। इस संबंध में उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अमले से बात की। उद्यानिकी विभाग की ओर से उन्हें टमाटर की खेती आधुनिक तकनीक के साथ करने की समझाइश मिली।


किसान लखनलाल ने ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, रसायनिक खाद का संतुलित उपयोग करते हुए टमाटर की खेती की शुरूआत की थी। उन्होंने खेत में गोबर खाद, मल्चिंग और ड्रिप बिछाकर सेमनीज कम्पनी के अभिलाष किस्म के टमाटर बीज का रोपण किया। ड्रिप से आवश्यकतानुसार हर पौधे को एक साथ एक समान रसायनिक खाद की खुराक देकर हर पौधे पर फल की एक-सी क्वालिटी तैयार की, इससे उन्हें बाजार में अच्छे दाम मिले।


किसान लखनलाल के खेत में उपजे टमाटर हैदराबाद, नागपुर, जबलपुर और इंदौर में पसन्द किये जा रहे हैं। उनकी लगन को देखते हुए उन्हे राज्य के बाहर और विदेश अध्ययन दौरे पर जाने का मौका भी मिला। उन्होंने फ्रांस और स्पेन का दौरा किया है। यात्रा के दौरान उन्हें कम तापमान में गेहूँ, मक्का और सेब की खेती, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग और उन्नत कृषि यंत्रों को देखने और समझने का मौका मिला है। आज अपने खेत से वर्ष भर में करीब 10 लाख रूपये की औसत आमदनी प्राप्त कर रहे है।


Farmer Lakhan Lal's economic situation strengthens due to tomato cultivation