सियासत
तुम संभल के रहना,वो जीना मुहाल कर देगा
ये सियासत है प्यारे, दो पल में बेहाल कर देगा
वो ताँक में बैठा है तुम्हारे हर एक कदम पर ही
तुम गलतियाँ भी नहीं करोगे,वो सवाल कर देगा
अपनी ही परछाईं कैसे खुद को डराने लगती है
तुम कुछ देर तो ठहरो,वो ये भी कमाल कर देगा
इनको वजीफा मिला हुआ है इसी तालीम में
संविधान को मशान और झंडे को रूमाल कर देगा
तुम्हारे ही मुद्दे ,जिन्हें सदन में इन्हें उठाना था
उस पर कभी जो बात करो तो बबाल कर देगा
मत उलझना बहुत देर तलक इस महकमे में
तुम्हें फटेहाल,बदहाल और फिर हलाल कर देगा
- सलिल सरोज