फायलेरिया उन्मूलन अभियान - 5 जिलों में सामूहिक दवाई सेवन 27 फरवरी को
प्रदेश में फायलेरिया उन्मूलन के लिये चलाये जा रहे अभियान में छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दतिया और कटनी जिलों में 27 फरवरी को सामूहिक दवाई खिलाई जायेगी। इस दिन दो वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती माताओं और गंभीर बीमार रोगियों को छोड़कर संबंधित जिलों की समस्त आबादी को आयु के अनुसार निर्धारित मात्रा में बीईसी और एल्बेंडाजॉल की गोलियाँ खिलाई जायेगी।
दवाई खिलाने वाले स्वयं-सेवियों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि दवाई किसी भी व्यक्ति को खाली पेट नहीं खिलायें। दवाई अपने सामने खिलायें। दवाई की एक खुराक बीमारी की रोकथाम के लिये प्रभावी होती है। यह भी बताया गया है कि जिन व्यक्तियों में फायलेरिया कीटाणु होने की आशंका है, उन्हें दवा के विपरीत प्रभाव दिखाई दे सकते हैं। दवा के विपरीत प्रभाव का असर कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों को दिखाई देने वाले लक्षणों के आधार पर उपचार करने के लिये रेपिड-रेस्पांस टीम सभी जिलों में गठित की गई है।
पाँचों जिलों में डीईसी और एल्बेंडाजॉल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। जिला और विकासखण्ड मुख्यालय पर स्थानीय जन-प्रतिनिधि दवाई खिलाने के अभियान का शुभारंभ करेंगे। जो व्यक्ति 27 फरवरी को दवाई के सेवन से वंचित रह जायेंगे, उन्हें 28 फरवरी और एक मार्च को स्वयंसेवियों द्वारा घर-घर जाकर दवाई खिलाई जायेगी। दवाई खिलाने के सामूहिक कार्यक्रम के दौरान स्वयं-सेवियों द्वारा लिम्फोडिमा (हाथी पाँव) और हाइड्रोसिल रोगियों की सूची का पुनर्सत्यापन किया जाकर उसे अद्यतन किया जायेगा।