पिछले पंद्रह साल में पंचायत राज कमजोर हुआ है - मुख्यमंत्री कमल नाथ
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 73वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतों को सर्वअधिकार सम्पन्न बनाने की बुनियाद रखी थी। दिग्विजय सिंह सरकार ने इस क्रांतिकारी संविधान संशोधन को मध्यप्रदेश में पूरे देश में सबसे पहले लागू किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का हृदय ग्रामीण क्षेत्र है। हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूती ग्रामीण क्षेत्रों की कार्य-शैली पर ही आधारित है।
पंचायत प्रतिनिधि रबर स्टेम्प और लेटरपेड के प्रतिनिधि बनकर रह गये थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पंद्रह साल में हमारे जिला, जनपद अध्यक्ष और सरपंच रबर स्टेम्प और लेटर पेड के प्रतिनिधि बनकर रहे गये थे। उनके पास अपने गाँव के विकास का कोई अधिकार नहीं था। श्री नाथ ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। मध्यप्रदेश में सरकार का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों से होगा। हमने अपने वचन-पत्र में वादा किया था कि पंचायत प्रतिनिधियों को सर्वशक्ति सम्पन्न बनायेंगे। उन्हें वही अधिकार दिये जायेंगे जो गांधी जी की और राजीव जी की कल्पना थी। श्री नाथ ने कहा कि राहुल गांधी जी ने पंचायत राज को सुदृढ़ बनाने के लिये मुझसे विस्तार से चर्चा की थी। मैंने उनसे कहा था कि आज जो पंचायत सचिवों के चेहरे पर निराशा दिख रही है, वे जब अगली बार मध्यप्रदेश आयेंगे तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट होगी।
श्री कमल नाथ ने कहा कि नई सरकार प्रदेश के विकास की बुनियाद को मजबूत बनाने की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाना मतलब प्रजातंत्र को मजबूत बनाना है। हमारी सरकार कुलीन वर्ग की सरकार नहीं है। यह गरीबों, मजदूरों और ग्रामीणों की सरकार है, जिन्हें सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 58 दिन में हमने मध्यप्रदेश में यह बताया है कि विकास की नींव किस तरह रखी जाती है। कृषि और प्रदेश के बेरोजगारों को नजरअंदाज करके हम विकास की कल्पना नहीं कर सकते। इसलिये हमने सबसे पहले कर्ज के बोझ से दबे किसानों का कर्जा माफ किया है और नौजवानों को काम देने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि जब हमने अपनी सरकार बनाई तो हमें विरासत में खाली खजाना और बदहाल व्यवस्था मिली। हमारा प्रदेश बलात्कार में, किसानों की आत्महत्या में और बेरोजगारी में नंबर वन है। इन चुनौतियों का हम सामना करेंगे और प्रदेश के विकास के नक्शे को बदल देंगे। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों का आव्हान किया कि वे बदली हुई व्यवस्था को देखें, सच्चाई को पहचाने और अपना समर्थन दें। यह सरकार घोषणाओं की, विज्ञापनों की सरकार नहीं है, हम आपको काम करके दिखायेंगे और वचन-पत्र को पूरा करके आपका विश्वास हासिल करेंगे।
पंच परमेश्वर नाम अब महात्मा गांधी ग्राम स्वराज योजना होगा
जिला पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पंचायत प्रतिनिधियों को सुदृढ़ बनाने की पहल की है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को विकास कार्यों की घोषणा करने के लिये जो राशि मिलती थी उसमें वृद्धि करने की स्वीकृति उन्होंने दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण और दक्षता का कार्यक्रम है। इसके जरिए हम पंचायत प्रतिनिधियों को बतायेंगे कि वे कैसे अपने गाँव के विकास का काम गुणवत्तापूर्ण तरीके से करें। उन्होंने पंच-परमेश्वर योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी ग्राम स्वराज योजना करने की भी घोषणा की। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विकास में सहभागी बनें।
इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने मुख्यमंत्री को स्मृति-चिन्ह भेंट किया।