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विद्युत उपभोक्ताओं के लिये नेशनल लोक अदालत 9 मार्च को

म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में 9 मार्च को नेशनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण समझौते से निराकृत किये जाएंगे। कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई है कि वे कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौता करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें। कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 तथा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तों का मसौदा जारी कर दिया गया है। National Lok Adalat Electricity consumer


कंपनी ने निर्णय लिया है कि धारा 135 और 138 के न्यायालयों में लंबित प्रकरण एवं जो प्रकरण न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, का प्री-लिटिगेशन से निराकरण के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।


प्री-लिटिगेशन स्तर परकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।


न्यायालयीन लंबित प्रकरणों मेंकंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। आवेदक को निर्धारित छूट के बाद शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।


उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।


नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘ 09 मार्च 2019 को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।