Top Story

अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा

आग लगाने वाले आग लगा चुके

पर इल्ज़ाम हवाओं पे ही आएगा


रोशनी भी अब मकाँ देखे आती है

ये शगूफा सूरज को कौन बताएगा


बाज़ाए में कई"कॉस्मेटिक"चाँद घूम रहे

अब आसमाँ के चाँद को आईना कौन दिखाएगा


नदी,नाले,पोखर,झरने सभी खुद ही प्यासे

तड़पती मछलियों की प्यास भला कौन बुझाएगा


धरती की कोख़ में है मशीनों के ज़खीरे

क्यों नींद आती नहीं घासों पे,कौन समझाएगा


सिर्फ फाइलों में ही बारिश होती रहेगी

या सचमुच कोई बादल पानी भी देके जाएगा


मोबाइलों से चिपटी लाशें ही बस घूम रहीं

ऐसे दौर में अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा


                                         - सलिल सरोज