भारत निर्वाचन आयोग की मध्यप्रदेश में अब तक की कार्यवाही में क्या क्या हुआ
अब तक 35 करोड़ से अधिक की नगदी एवं सामग्री जप्त
भोपाल: लोक सभा निर्वाचन के मद्देनज़र चुनाव आयोग के मार्गदर्शन में निर्वाचन व्यय निगरानी का कार्य पुलिस, आबकारी, आयकर एवं अन्य एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने बताया है कि लोकसभा निर्वाचन-2019 में निर्वाचन घोषणा 10 मार्च से 11 अप्रैल, 2019 तक 35 करोड़ 54 लाख रुपये से अधिक की नगदी एवं अन्य सामग्री जप्त की गयी। इसमें 14 करोड़ 22 लाख 86 हजार रूपये नगद, 9 करोड़ 30 लाख 93 हजार रूपये की अवैध शराब, 4 करोड़ 4 लाख 99 हजार रूपये के अवैध मादक पदार्थ एवं 3 करोड़ 41 लाख 30 हजार रूपये की बहुमूल्य धातु तथा 4 करोड़ 54 लाख 43 हजार रूपये के हथियार, वाहन एवं अन्य सामान है। Lok Sabha Election 2019 Cash and material worth over Rs 35 crores seized
35 हजार 544 गैर जमानती वारंट तामील
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने बताया है कि आदर्श आचरण संहिता लगने के बाद 10 मार्च से 14 अप्रैल, 2019 तक 35 हजार 544 गैर जमानती वारंट तामील करवाये गये हैं। साथ ही थानों में 2 लाख 60 हजार 803 शस्त्र जमा कराये गये।
वल्नरेबिलिटी मैपिंग के अनुसार एक हजार 995 वल्नरेबल क्षेत्र चिन्हांकित किये गये। इनमें से एक लाख 3 हजार 952 प्रकरणों में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गयी है और 12 हजार 713 क्रिटिकल मतदान केन्द्रों को चिन्हित किया गया।
सम्पत्ति विरूपण के 5 लाख से अधिक प्रकरण दर्ज
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने बताया है कि आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के बाद कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिये 10 मार्च से 14 अप्रैल, 2019 तक तक सम्पत्ति विरूपण के 5 लाख 42 हजार 326 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। इनमें से कुल 4 लाख 74 हजार 96 प्रकरणों में कार्यवाही की गयी। शासकीय सम्पत्ति विरूपण के पंजीबद्ध 4 लाख 64 हजार 218 प्रकरणों में से 4 लाख 6 हजार 564 प्रकरण और निजी सम्पत्ति विरूपण के पंजीबद्ध 78 हजार 108 प्रकरणों में से 67 हजार 532 में कार्यवाही की गई। इसी तरह वाहनों के दुरूपयोग के 41 हजार 375 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये।
सात हजार से अधिक शिकायतों का निराकरण
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने बताया कि एक जनवरी से 14 अप्रैल तक 8 हजार 428 शिकायतें प्राप्त हुई। इसमें से 7 हजार 753 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है।
जनसामान्य से 577 शिकायतें ऑनलाईन प्राप्त हुई। इसमें से 543 शिकायतों का निराकरण किया गया। जिला स्तरीय कान्टेक्ट सेंटर में 3 हजार 990 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 3 हजार 771 शिकायतों का निराकरण किया गया।
भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय कान्टेक्ट सेंटर के माध्यम से 482 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से 450 शिकायतों का निराकरण किया गया। राज्य स्तरीय कान्टेक्ट सेंटर के माध्यम से एक हजार 862 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें से एक हजार 666 शिकायतों का निराकरण किया गया। आयोग को 893 शिकायतें सीधे प्राप्त हुई, जिनमें से 822 का निराकरण किया गया। राजनैतिक दलों से 624 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 501 का निराकरण किया जा चुका है।
निर्वाचन के दौरान ड्रग्स अपराधियों की पेरोल पर सख्ती
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी व्ही. एल. कान्ता राव ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम चुनाव -2019 के दौरान ड्रग अपराधियों की पेरोल पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। आदर्श आचार संहिता पेरोल पर दोषियों की रिहाई के मामलों पर भी लागू होगी। यदि राज्य सरकार किसी भी दोषी को रिहा करना नितान्त आवश्यक मानती है,तो राज्य सरकार पेरोल देने से पहले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से परामर्श करेगी । अत्याधिक आकस्मिकता तथा चुनाव संबंधी गतिविधियों के मामलों में लिप्त न होने पर पेरोल दिए जाने पर विचार किया जाएगा।
आयोग ने ड्रग्स अपराधियों को पेरोल पर रिहा करने में और अधिक सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। यदि ऐसे अपराधियों को पेरोल दिया जाना कतिपय कारणों से आवश्यक हो जाता है, तो पुलिस और ड्रग कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अग्रिम सूचना दी जायेगी । विशेष तौर पर नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो को सूचना दी जायेगी, जिससे पेरोल पर छूटे व्यक्तियों पर नजर रखी जा सके। आपत्तिजनक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर पेरोल रद्द हो सकेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी पेरोल पर दोषियों की रिहाई से संबंधित जानकारी केन्द्रीय प्रेक्षकों को उपलब्ध करायेंगे।