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मध्य प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को फ्री हैंड


मध्य प्रदेश सरकार ने माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को फ्री हैंड दे दिया है कमलनाथ सरकार के टारगेट पर हर छोटा और बड़ा माफिया है इंदौर, भोपाल, सतना सभी जगहों से माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात सामने आ रही है सीएम ने मंत्रालय में ली अफसरों की बैठक में पहले ही साफ कर दिया था कि किसी भी माफिया को वो बख्शने के मूड में नहीं हैं।





मुद्दों से जनता को भटकाने और चुनिंदा माफियाओं को बचाने की कोशिश - बीजेपी





लेकिन प्रदेश की विपक्षी पार्टी बीजेपी की तरफ से सरकार के इस फैसले का स्वागत करने के बजाए उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। सरकार ने आरोप लगाया कि मुद्दों से जनता को भटकाने और चुनिंदा माफियाओं को बचाने के लिए कुछ चुने माफियाओं पर ही कार्रवाई की जा रही है।





सीएम के इस आदेश के बाद मध्य प्रदेश में माफियाओं की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। पुलिस-प्रशासन ने प्रदेश के सभी माफियाओं के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार कर लिया है। फिर क्या भोपाल, क्या इंदौर और क्या सतना। प्रदेश भर के माफियाओं की लिस्ट प्रशासन के पास पहुंच चुकी है और उनके खिलाफ अभियान भी छेड़ा जा चुका है। फिर चाहे वो भू-माफिया हो, रेत माफिया हो, वन माफिया या शराब माफिया। एक-एक कर सभी के खिलाफ सरकारी चाबुक चलाया जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक 590 माफियाओं को अब तक चिन्हित किया जा चुका है।





सभी बड़े और छोटे माफिया निशाने पर





इन बड़े माफिया के अलावा भी हजारों की संख्या में छोटे माफियाओं की शिकायतें भी मिली हैं। जिनके खिलाफ थानों में दर्ज अपराधों की जानकारी के मुताबिक डेटा जुटाया जा रहा है। ताकि उनकी लिस्ट बनाकर उन्हे उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।





सरकार के फ्री हैंड देने के बाद अब प्रशासन चुन-चुनकर इन माफिया पर कार्रवाई कर रहा है। इंदौर के माफिया जीतू सोनी पर हुई कार्रवाई ने सरकार की मंशा को साफ कर दिया कि अब वे किसी के दबाव में आने वाली नहीं है। हालांकि बीजेपी को इसके पीछे सरकार की गलत मंशा नजर आ रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि बड़े माफियाओं के बचाने के लिए सरकार इस तरह की अभियान चला रही है।