छिन्दवाड़ा के गुलाबों की खुशबू पहुंच रही नागपुर और दिल्ली
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों और बेरोजगार नौजवानों के लिये नया सवेरा लाने के लिये निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों ने कृषि के साथ उद्यानिकी क्षेत्र में किसानों और नौजवानों को प्राथमिकता देते हुए उनके लिये आर्थिक मदद के रास्ते भी खोल दिए हैं। यह क्षेत्र किसानों और नौजवानों के लिये अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम बनता जा रहा है। अब प्रदेश का किसान खेती के साथ उद्यानिकी का कारोबार भी अपनाने लगा है। बेरोजगार नौजवान भी इस क्षेत्र को आधुनिक तकनीक के साथ अपनाकर स्वावलम्बी बन रहे हैं। Rose farming #chhindwara
छिंदवाडा जिले की तहसील पाढुंर्णा के ग्राम राजना के रहने वाले युवा श्री धीरज घागरे पिता दुलीचंद घाघरे भी उद्यानिकी क्षेत्र के माध्यम से स्वावलंबी बन गये हैं और उनके द्वारा उगाये जा रहे गुलाबों की खुशबू नागपुर और दिल्ली के मार्केट तक पहुंच रही है। अपने इस व्यवसाय से वे आर्थिक रूप से समृद्ध और आत्म-निर्भर हो गये हैं।
युवा कृषक 32 वर्षीय श्री धीरज घागरे ने बताया कि उन्होंने पुणे से एम.बी.ए. की पढाई की है और पुणे में अध्ययन के दौरान एक बार दोस्तों के साथ उन्हें पॉली हाउस में गुलाब की फसल देखने का अवसर मिला। इसे देखकर उनके मन में भी अपने खेत में पॉली हाउस बनाकर गुलाब की खेती करने की इच्छा जागृत हुई। वे जब पुणे से पढाई पूरी करके अपने गृह ग्राम वापिस आये तो सबसे पहले उन्होंने पाढुंर्णा के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और गुलाब की खेती करने के लिये अपनी इच्छा बतायी तथा उनसे मार्गदर्शन लिया। उनकी सलाह पर उन्होंने बैंक से संपर्क कर ऋण प्रकरण तैयार कराया और उद्यानिकी विभाग के सहयोग से 2025 वर्ग मीटर में पॉली हाउस का निर्माण कराया जिसमें बैंगलोर से अच्छी क्वालिटी के गुलाब के 12 हजार 500 पौधे प्राप्त कर उनका रोपण किया।
इस कार्य में उन्हें 26 लाख रूपये की लागत आई जिसमें से 50 प्रतिशत अनुदान राशि विभाग ने प्रदाय की। उनके पॉली हाउस से अब रोजाना 800 से 900 गुलाब स्टिक निकलती हैं जिसे नजदीक के मार्केट नागपुर में भेजा जाता है और कभी-कभी दिल्ली के मार्केट में भी पहुंचाया जाता है। प्रति गुलाब स्टिक का 5 रूपये आसानी से मिल जाता है। फूलों की पैकिंग और परिवहन पर 200 रूपये का खर्च आता है, इसके बाद उन्हें प्रतिदिन 4 हजार से साढ़े चार हजार रूपये तक की आमदनी आसानी से हो जाती है। अब तक वे पॉली हाउस के माध्यम से गुलाब की खेती कर 10 लाख रूपये कमा चुके है और उन्होंने दो लोगों को रोजगार भी दिया है। वर्तमान में उनके पॉली हाउस को देखने अन्य किसान भी आते हैं, जिन्हें वे फूलों की खेती के लिये प्रेरित करते है। अपनी आर्थिक समृद्धि के लिये श्री धीरज घागरे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के साथ ही उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद देते हैं।