कमलनाथ ने भी कहा मध्यप्रदेश में CAA/NRC लागू नहीं किया जाएगा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली के राजघाट में पहले ही ऐलान किया था कि मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस काले कानून के विरोध 25 दिसंबर को प्रदेश भर में शांति मार्च निकाला जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष नेता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर सत्याग्रह पर बैठें थे। उन्होंने संविधान में लोगों को प्रदत्त अधिकारों के संरक्षण की मांग की। #Kamalnath #CAA #NRC
25 दिसम्बर को भोपाल में कांग्रेस (Congress) के CAA के खिलाफ सबड़े बड़े आयोजन के दौरान सीएम ने साफ किया कि देश के संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी इस कानून का विरोध जारी रखेगी। इस कानून को लेकर एमपी की कांग्रेस सरकार (Kamalnath Government) और आम लोग बुधवार को सड़कों पर उतरे।
CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस के 'संविधान बचाओ न्याय शांति यात्रा' में हजारों लोगों ने पैदल मार्च कर विरोध दर्ज कराया। सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस की शांति यात्रा में एलान किया कि किसी भी सूरत में इस कानून को प्रदेश में लागू नहीं किया जाएगा। गांधी टोपी पहने और हाथों में तिरंगा लिए कांग्रेसियों ने CAA लागू किए जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की। सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर जनता को गुमराह करने की राजनीति करने का आरोप लगाया।
सीएम ने साफ कहा है कि कांग्रेस का शांति मार्च प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। उन्होंने कहा कि रैली के जरिए देश के दिल से यह बताना चाहते हैं कि किस तरह केंद्र सरकार देश को तोड़ना चाह रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हम भारत के संविधान और संस्कृति का सम्मान करते हुए इस कानून का पालन नहीं करेंगे। देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है और संविधान की रक्षा के लिए इस कानून का विरोध हो रहा है।
पहले दिग्विजय सिंह भी घोषणा कर चुके हैं
इसके पहले दिग्विजय सिंह भी घोषणा कर चुके हैं कि मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (citizenship Amendment Act) एवं भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (national register of citizens) लागू नहीं किया जाएगा। पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वे गांधी के मार्ग पर चलने वाले लोगों में से हैं। देशभर में हो रही हिंसा के पक्षधर नहीं हैं। हिंसा अपनी बात रखने का सही तरीका नहीं है। और प्रदेश में कमलनाथ सरकार एक, पांच नहीं, पूरे 10 साल रहेगी।
सरकार ने दबाव बनाकर कानून बना लिया
दिग्विजय सिंह ने केंद्र पर निशाना साधा। कहा- इस बिल के बारे में किसी भी राज्य से चर्चा नहीं की गई और बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने की हमारी मांग थी, लेकिन केंद्र ने केवल बहुमत के आधार पर दबाव बनाकर बिल पास करा लिया। हम सिर्फ भारत का विकास चाहते हैं और सरकार को संविधान पर विश्वास होना चाहिए और लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए।