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छिंदवाड़ा में गांधी प्रवास शताब्दी शुभारंभ

छिन्दवाड़ा: मुख्यमंत्री कमल नाथ ने छिन्दवाड़ा में महात्मा गाँधी चौक पर महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रध्दा-सुमन अर्पित किये। सांसद नकुल नाथ, जिले के प्रभारी एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने भी महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये।

गांधी जी का छिंदवाड़ा प्रवास

महात्मा गांधी 6 जनवरी 1921 को अली बंधुओं के साथ पहली बार छिंदवाड़ा आए थे। दोपहर में ग्रामीण महिलाओं की एक सभा को संबोधित करने के बाद शाम को उन्होंने गांधीगंज, जो उस समय चिटनवीसगंज के नाम से जाना जाता था, में आम सभा को संबोधित किया था। इस दौरान गांधी जी ने देश भक्ति की व्याख्या की, स्वदेशी और एकता का महत्व बताया और स्वराज प्राप्ति का उद्देश्य स्पष्ट किया। उनके प्रथम बार छिंदवाड़ा आगमन के बाद इस स्थल का नाम गांधीगंज पड़ा।

गांधीवादी विचार ही फलीभूत कर रहे “वसुधैव कुटुम्बकम्” की अवधारणा – कमलनाथ

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए गांधीवादी विचार ही वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को फलीभूत कर रहा है। ‘जय जगत यात्रा’ से युवा पीढ़ी का जुड़ाव यह दर्शाता है कि गांधी जी के संदेश को देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित करना वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘जय जगत यात्रा’ में शामिल हुए विदेशी पदयात्री इसका अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उनका यह कार्य नई पीढ़ी को सीख प्रदान करेगा। श्री कमल नाथ छिंदवाड़ा में गांधी प्रवास शताब्दी शुभारंभ समारोह के अंतर्गत गांधी जी के प्रथम नगर आगमन के सभा-स्थल के सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि अफ्रीका प्रवास के दौरान उनकी मुलाकात एक देश के राष्ट्रपति से हुई। उनके कक्ष में गांधी जी की प्रतिमा का होना यह बता रहा था कि गांधी जी को भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व आदर्श के रूप में मानता है। श्री कमल नाथ ने कहा कि जय जगत यात्रा का छिंदवाड़ा में आगमन होना भारतीय संस्कृति की इस नगरी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिये गांधी जी का संदेश वर्तमान में और अधिक प्रासंगिक है। मुख्यमंत्री ने जय जगत यात्रा का नेतृत्व कर रहे श्री राजगोपाल एवं उनके गांधीवादी चिंतक पदयात्रियों की सराहना की।

प्रख्यात गांधीवादी चिंतक श्री राजगोपाल ने कहा कि यात्रा को अपनी बुलंदियों पर पहुँचाने में सभी साथियों का सहयोग मिल रहा है। सहयात्रियों ने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए जानकारी दी कि जय जगत यात्रा की शुरूआत 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट, दिल्ली से शुरू हुई है। राजघाट में प्रार्थना कर और वहाँ की पावन मिट्टी को कलश में आशीर्वाद स्वरूप लेकर भारत के अलग-अलग राज्यों और 15 अन्य देशों के 50 पदयात्री 365 दिन की पदयात्रा कर 10 देशों से होते हुए इस यात्रा का समापन 30 जनवरी को सेवा ग्राम वर्धा में करेंगे।

यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 2 अक्टूबर 2020 को स्विट्जरलैंड, जिनेवा पहुँचेगी। महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के 150वें जन्म शताब्दी वर्ष में यह यात्रा अहिंसा और न्याय के साथ-साथ गरीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता हटाओ और युध्दरहित दुनिया के ध्येय के साथ चार मुद्दों को लेकर अक्टूबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र से संवाद करेगी।