95 प्रतिशत भारतीय नहीं करते कंडोम का इस्तेमाल, जान लें दुष्प्रभाव
नई दिल्ली: भारत की जनसंख्या जिस गति से बढ़ती जा रही है, उतनी गति से उस जनसंख्या को आधारभूत शिक्षा दी जा रही है या नहीं, यह कहना मुश्किल है। भारत में आज भी सेक्स के बारे में बात करना या यौन शिक्षा देना अलग नजरों से ही देखा जाता है। सही उम्र से अगर इस बारे में हर व्यक्ति को जानकारी दी जाए तो जनसंख्या में कमी के साथ-साथ कई और परेशानियां भी दूर होने की उम्मीद है। बच्चे ही नहीं यहां तो वयस्कों को भी इसके बारे में या तो पूर्ण जानकारी नहीं है या वो अपनी ही जानकारी को पूरा मानकर अपने मन के अनुसार चल रहे हैं।
आपको बता दें, Durex ने साल 2018 में एक ट्वीट किया था कि 95 प्रतिशत भारतीय कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते। अब इसके पीछे भारतीय पुरुषों की क्या सोच है, यह अलग मुद्दा है, लेकिन इससे यह जरूर जाहिर होता है कि भारत में यौन शिक्षा के बारे में बात करने की सख्त जरूरत है। UN की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों के आधार पर यह माना गया है कि 2027 तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा। भारत में स्टेट ऑफ हेल्थ- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने यह दिखाया था कि 15 से 49 साल तक के मध्य करीब 95 प्रतिशत शादीशुदा कपल कंडोम्स का इस्तेमाल नहीं करते, जब बच्चा होने कि सबसे अधिक संभावना होती है।
कंडोम इस्तेमाल न करने और सुरक्षित सेक्स न करने के हैं कई साइड-इफेक्ट्स:
यौन रोगों की प्रबल संभावना:
सेक्स विशेषज्ञ डॉक्टर संजय देशपांडे के अनुसार, भारतीयों को ऐसा लगता है कि सेक्स करते समय कंडोम के इस्तेमाल से उनके अनुभव में बदलाव होगा और वो चर्म सीमा का आनंद नहीं ले पाएंगे। लेकिन इसी के कारण STI यानि बिना सुरक्षा के संभोग यानि सेक्स करने पर यौन रोग होने की सबसे अधिक संभावना रहती है। आप कभी भी किसी को देख कर या उनके द्वारा दी गई जानकारी पर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि बिना सुरक्षा आगे बढ़ने से आपको यौन रोग लगेगा या नहीं। इसलिए पहले से ही इसके लिए सही कदम उठा लेना सही है। यौन रोगों से बचने का सबसे अच्छा और लगभग एकमात्र तरीका कंडोम ही है। इसलिए भी इसका इस्तेमाल जरूरी है।
2015-16 NFHS Data
प्रेगनेंसी
आप कितना भी अपने अनुभव पर विश्वास कर लें, लेकिन किसी एक कमजोर पल के कारण आप अनियोजित प्रेगनेंसी को बुलावा दे सकते हैं। अनियोजित प्रेगनेंसी न सिर्फ चिंता का कारण बनती है बल्कि इससे आपको मानसिक और शारीरिक तौर काफी फर्क पड़ सकता है। अगर आप दो बच्चे ही चाहते थे या आगे बच्चे नहीं चाहते थे और अब बिना सुरक्षा के साथ होने पर आपकी पार्टनर प्रेग्नेंट हो गई तो बच्चा रखने या न रखने दोनों स्थितियों में काफी परेशानियों का सामना पड़ता है। ऐसी स्थिति आए ही न, इसके लिए सुरक्षित संभोग होना जरूरी है। इन सभी बातों के बाद भी अगर आपका पार्टनर सुरक्षित सेक्स नहीं चाहते तो आपको इसके लिए अपने पार्टनर को समझाना और इस पर बात करना जरूरी है। सुरक्षित सेक्स के बारे में कैसे करें अपने पार्टनर से बात:
ये करें:
– जब आप दोनों रिलैक्स हों, आराम से इस मुद्दे पर बात कर सकें तब साथ बैठें।
– अपने पार्टनर को यह बताएं कि सुरक्षित सेक्स आप दोनों के लिए किस तरह से अच्छा है।
– साफ कर दें कि आप बिना प्रोटेक्शन के सेक्स नहीं करेंगे/करेंगी।
– उन्हें यह बताए कि कंडोम के इस्तेमाल से आप कम नहीं बल्कि ज्यादा आनंद ले सकेंगे क्योंकि दोनों को किसी बात की चिंता नहीं होगी।
– ध्यान रखें कि इसमें दोनों बात कर रहे हो। खुद बात करें और अपने पार्टनर की भी सुनें।
– अगर कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो इस पर बात करें कि दूसरे किस प्रोटेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
– अपने पार्टनर को बताएं कि सुरक्षित सेक्स आपके लिए कितना जरूरी है और आप इससे सुरक्षित महसूस करते या करती हैं।