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शर्मनाक: लॉक डाउन में गोबर के उपलों की राख खा रही वृद्धा

पांढुर्ना। लॉक डाउन के इस दौर में छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूर ग्राम भटेवाड़ी में 95 साल की वृद्धा अन्न-भोजन नहीं मिलने के कारण गोबर के उपले जलाकर उसकी राख खाने को मजबूर हो गई। हालात का पता चलते ही नगरपालिका के स्वच्छता उपनिरीक्षक रवि चौधरी और नपाध्यक्ष प्रवीण पालीवाल ने वृद्धा के भोजन की व्यवस्था जरूर कर दी, लेकिन यह स्थिति सभी को शर्मसार करने वाली है। देश में ऐसे भी मजदूर हैं, जो दो जून की रोटी के लिए मोहताज हैं।

जानकारी मिली है कि भटेवाड़ी में वृद्धा पूनियाबाई धुर्वे अपने इकलौते बेटे के साथ टूटे-फूटे मकान में रह रही थी। कुछ साल पहले इकलौता बेटा उसे छोड़कर चला गया। तबसे पूनियाबाई गांव में थोड़ी मजदूरी और गांव में लोगों से मांगकर जीवन-यापन कर रही है। लॉक डाउन घोषित होने के बाद पूनियाबाई के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान कई बार पूनियाबाई कंडे की राख खाते देखी गई। इस बात की सूचना गांव के संजय सोमकुंवर ने नपा के स्वच्छता उपनिरीक्षक रवि चौधरी को दी। उप निरीक्षक ने नपाध्यक्ष प्रवीण पालीवाल से चर्चा की। नपाअध्यक्ष के सहयोग से उप निरीक्षक श्री चौधरी और संजय सोमकुंवर ने सोमवार को पूरे गांव में भोजन बंटवाया।

लॉक डाउन के दौरान स्वयंसेवी संस्था और शासकीय तंत्र द्वारा भोजन, राशन किट, मास्क और अन्य जीवनपयोगी वस्तुओं को बांटने की व्यवस्था बनाई गई। यह मदद केवल शहरी क्षेत्र तक ही सीमित रह गई। ग्रामीण क्षेत्रों में इक्का दुक्का संस्थाओं को छोड़कर कोई भी मदद जरूरतमंदों तक नहीं पहुंची है।

सीपी पटेल, एसडीएम, पांढुर्ना का कहना है कि मुझे मीडिया के द्वारा ही सूचना मिल रही है। हमने सभी पटवारी, ग्राम सचिव, कोटवार और अन्य अमले को सख्त हिदायत दी है कि किसी भी सूरत में कोई व्यक्ति भूखा न रहे। बुधवार की सुबह हम भटेवाड़ी जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाएंगे।