Top Story

लॉकडाउन की दर्दनाक तस्वीरः किसान ने बेटों को बैल बनाकर जोता खेत

लॉकडाउन की दर्दनाक तस्वीरः किसान ने बेटों को बैल बनाकर जोता खेतलॉकडाउन की दर्दनाक तस्वीरः किसान ने बेटों को बैल बनाकर जोता खेत
हाइलाइट्स

  • लॉकडाउन में किसानों की बदहाली की दर्दनाक तस्वीर
  • किसान ने बेटों को बैल बनाकर जोता अपना खेत
  • बीमार बैल के इलाज के लिए किसान के पास नहीं थे पैसे
  • सब्जी की फसल खराब होने से बदहाल हुए छिंदवाड़ा के किसान

छिंदवाड़ा।
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने आम लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल कर रख दी है। सबसे खराब हालत गरीब किसान-मजदूरों की है जो मेहनत-मजदूरी करके अपना और परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मध्य प्रदेश में ऐसे ही एक किसान का बैल बीमार पड़ा तो मजबूरी में उसने अपने बेटों को ही बैल बनाकर हल में जोत दिया।

NBT

एमपी के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से लगे सावलेवाड़ी गांव में एक किसान ने मजबूरी में दो बेटों को बैल बना कर खेत को जोत दिया। किसान जयदेव दास के दो बेटे हैं। जयदेव सब्जी उगाते हैं, लेकिन लॉकडाउन में सब्जियों की फसल खराब होने के चलते उनकी माली हालत खराब हो गई।

NBT

जयदेव के पास 2.15 एकड़ जमीन है जिसमें वे सब्जियां उगाते हैं। इस साल लॉकडाउन के चलते फसल खराब हो गई। जो फसल हुई, उसकी बिक्री नहीं हो पा रही। छिंदवाड़ा और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में किसान सब्जियां उगाते हैं। सभी किसानों की हालत जयदेव जैसी ही है।

NBT

जयदेव के पास दो बैल हैं जिनकी मदद से वे खेती करते हैं। उसमें से एक बैल बीमार हो गया। जयदेव को खेत जोतने में समस्या हुई क्योंकि बैल के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। कोई उपाय न देख उनके बेटों ने खुद ही बैल बनने का फैसला किया।

NBT

जयदेव के दोनों बेटे उनके साथ खेतों में काम करते हैं और मजदूरी करते हैं। उन्होंने बताया कि फसल खराब होने से हमारी हालत बेहद खराब हो गई है। अगली फसल लगाने का समय हो चुका है, लेकिन बैल का इलाज कराने लायक पैसे हमारे पास नहीं हैं। इसलिए हमने खुद ही हल में बैल बनने का फैसला कर लिया।

NBT

जयदेव ने खराब हालत के बावजूद न तो कर्ज लिया और न ही सरकार से मदद मांगी। उनकी हालत के बारे में पता चला तो नगर निगम, राजस्व और अन्य विभागों का अमला उनके पास पहुंचा।

Source