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ये छिंदवाड़ा है जनाब! MP का CM कोई भी हो, यहां कमलनाथ का नाम सुनते ही दौड़े चले आते हैं लोग

NBT
हाइलाइट्स

  • 95 दिन बाद मंगलवार शाम छिंदवाड़ा पहुंचे कमलनाथ
  • छिंदवाड़ा में कमलनाथ की बरकरार है लोकप्रियता
  • स्थानीय लोगों को कमलनाथ के विकास कार्यों पर गर्व
  • हर वर्ग के लोगों से कमलनाथ का है व्यक्तिगत संपर्क

छिंदवाड़ा।
मंगलवार को 95 दिन बाद कमलनाथ अपने गढ़ छिंदवाड़ा पहुंचे। उनके साथ उनके बेटे और स्थानीय सांसद नकुलनाथ भी थे। कमलनाथ के यहां पहुंचते ही मिलने वालों की कतार लग गई। क्षेत्रीय विधायकों से लेकर समाज के हर तबके के लोग उनसे मिलने पहुंचे। कमलनाथ के प्रति लोगों का व्यवहार देखकर एक बार भी नहीं लगा कि वे अब प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हैं।
पहुंचते ही लगी कतार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ को मंगलवार सुबह ही आना था, लेकिन उनका विशेष विमान शाम को छिंदवाड़ा पहुंचा। हवाई पट्टी से ही उनसे मिलने वालों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। वहां मौजूद विधायकों व कांग्रेस नेताओं ने फूल मालाओं की जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनकी अगवानी की। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने निवास शिकारपुर पहुंचते ही मौजूद लोगों की समस्याएं सुनी। सोशल डिस्टेंसिंग में कतार में खड़े लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।

विधायकों से बारी-बारी चर्चा
कमलनाथ ने शिकारपुर स्थित अपने निवास पर विधायकों के साथ बैठक की। उन्होंने बारी-बारी से विधायकों से चर्चा की एवं उनके क्षेत्रों के बारे में जानकारी ली। क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति का ब्यौरा लेने के बाद उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुई परिस्थितियों के बारे में सलाह-मशविरा किया।

सफाईकर्मियों ने सुनाई अपनी दास्तान
नगर निगम में ठेका सफाई कर्मियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि 2 माह से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है, उल्टा कोरोना महामारी के इस दौर में उन्हें बेरोजगार कर दिया है।

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नौ बार रहे सांसद
कमलनाथ लगातार नौ बार छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। 1980 में पहली बार वो यहां से सांसद चुने गए थे। यह सिलसिला 2014 तक लगातार जारी रहा। 2019 में उनके बेटे नकुलनाथ को लोगों ने अपना वोट देकर सांसद चुना। कहा जाता है कि कमलनाथ को अपने चुनाव क्षेत्र में प्रचार करने की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती। पूरे क्षेत्र में समाज के हर तबके के लोगों से उनका सीधा संपर्क है जो उनके प्रचार की जिम्मेदारी संभालते हैं।

छिंदवाड़ा मॉडल का असर
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में उद्योग-धंधों के विकास पर हमेशा जोर दिया। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़े। उद्योगों के विकास से छिंदवाड़ा की आधारभूत संरचनाएं बेहतर होती गईं। इसी का असर है कि जिले में सड़क से लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था तक प्रदेश के कई महानगरों से भी बेहतर हालत में है। स्थानीय लोग इसके लिए कमलनाथ की तारीफ करते नहीं थकते।

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हर वर्ग से संपर्क
छिंदवाड़ा में कमलनाथ का संपर्क समाज के हर तबके के लोगों से है। वे सबको व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। किसी का बेटा बीमार हो या पति की नौकरी चली गई हो, बेटी की शादी हो या परिवार में किसी की मौंत हुई हो, वे बिना झिझक के कमलनाथ के सामने अपनी समस्या सुनाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री का स्टाफ समस्याएं नोट करता चलता है और फिर उसके समाधान की कोशिशें शुरू हो जाती हैं।

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लोकप्रियता पर असर नहीं
कमलनाथ आज जो भी हों, उनका छिंदवाड़ा के प्रति प्यार वैसे ही है। जब वे मुख्यमंत्री थे, उस समय सरकार की हर नई योजना की शुरुआत छिंदवाड़ा से ही हुई। इससे पहले सांसद रहते हुए भी उन्होंने छिंदवाड़ा को कई बड़े योजनाओं की सौगात दी थी। छिंदवाड़ा मॉडल आज पूरे भारत मे प्रसिद्ध है और स्थानीय लोगों को इसका गर्व भी है। लोगों का मानना है कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। वे कहते हैं कि हमें सिर्फ कमलनाथ से लेना देना है। वे किसी भी पद पर रहें या नहीं, उनकी लोकप्रियता छिंदवाड़ा में बनी रहेगी।

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