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जब काजोल को बेटी न्यासा ने बताया जीवन का सच, इसे जानना आपके लिए भी है जरूरी

काजोल ऐसी अदाकारा हैं, जो अपने बेबाक नेचर के लिए खास पहचान रखती हैं। यही रवैया उनका बच्चों के साथ भी होता है। वह अपने बच्चों को सही और गलत के बारे में बिना झिझक के सिखाती और टोकती हैं, ताकि वे बेहतर इंसान बन सकें। हालांकि, कई ऐसे मौके भी आए जब काजोल को उल्टा उनकी बेटी न्यासा और बेटे युग ने ही जीवन से जुड़े अहम पाठ पढ़ा दिए। ये ऐसी बातें थीं, जिन्हें शायद सभी लोगों को समझना जरूरी है। कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहने वालाकाजोल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी बेटी न्यासा की लाइफ को लेकर अप्रोच काफी अलग है। इस वजह से वह कई बार ऐसी बातें बोल जाती हैं, जो दूसरों को सोचने पर मजबूर कर दे। उन्होंने बताया था कि एक बार बातों-बातों में न्यासा ने उनसे कहा था ‘मॉम जिंदगी में कुछ भी स्थायी नहीं होता है।’ यह सुन काजोल एक बार को सन्न रह गई और फिर उन्हें शब्दों की गंभीरता का अहसास हुआ। उन्हें अपनी बेटी से उस दिन जीवन से जुड़ा बड़ा लेसन सीखने को मिला।

अगर व्यक्ति सही मायनों में इस चीज को समझ जाए कि जिंदगी में कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहने वाला, तो वह जीवन को ज्यादा बेहतर तरीके से जीता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे अपनी लाइफ की असली वैल्यू समझ में आती है और वह कल के बारे में सोचने की जगह अपने हर पल को खुलकर और खुशी से जीने की कोशिश करता है। सब्र रखनान्यासा के जन्म से पहले काजोल काफी ज्यादा जजमेंटल और शॉर्ट टेंपर्ड पर्सन थीं। हालांकि, जब वह पहली बार मां बनीं, तो वह पूरी तरह बदल गईं। न्यासा के जन्म ने उन्हें ज्यादा सब्र रखना, गुस्से पर काबू करना और प्यार का असली मतलब समझा दिया। एक इंटरव्यू में काजोल ने बताया था कि वह अभी भी बच्चों से पेशंस रखना सीखती हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया था ‘ऐसे कई मॉर्डन शब्द हैं जिनके मतलब मुझे नहीं पता है, तो जब मेरे बच्चे उनका इस्तेमाल करते हैं और मुझे मीनिंग समझ नहीं आता, तब वे बिना इरिटेट हुए मुझे वर्ड्स के मतलब समझाते हैं।’ युग की बात लगी ‘उल्टे हाथ का थप्पड़’एक इंटरव्यू में काजोल ने बताया था कि उनके बेटे ने उन्हें पैरंटिंग से जुड़ा एक बड़ा सबक सिखाया है। दरअसल, उनके यहां एक बार माता की चौकी रखी गई थी, इस दौरान काजोल ने अपनी बेटी न्यासा को पूजा में आकर बैठने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। इस पर ऐक्ट्रेस ने नाराज होकर उसे जबरन वहां बैठाया। ऐक्ट्रेस ने आगे बताया था कि बेटी के वहां से जाने के बाद उनके बेटे ने उनसे धीरे से कहा था ‘मां आपको सच बोलने पर न्यासा को डांटना नहीं चाहिए था।’ काजोल ने इसे अपने लिए उल्टे हाथ का थप्पड़ बताया था। काजोल की तरह ही कई बार माता-पिता जबरन अपने बच्चों पर अपनी इच्छा थोप देते हैं। प्रेशर में बच्चा उस समय भले ही आपकी बात मान जाए, लेकिन बार-बार ऐसा होना पैरंट्स और चाइल्ड के बीच के रिलेशन पर नेगेटिव असर डालता है। बेहतर है कि आप उनकी इच्छा का भी सम्मान करें और उन पर दबाव न डालें।