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मानवीय गुणों से भरपूर होते हैं बच्चेः डॉ. आरती जैन

Publish Date: | Wed, 17 Jun 2020 04:16 AM (IST)

जैनत्व संरक्षण ई शिविर में बालक एवं पालक ले रहे शिक्षा

छिंदवाड़ा। जैन समाज में बालक एवं पालक दोनों के उज्वल भविष्य के साथ संस्कारों का बीजारोपण के मुख्य उद्देश्य को लेकर शिक्षण शिविर का अंतरराष्ट्रीय आयोजन चल रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में समाज के बालक बालिकाओं सहित श्रावक श्राविकाएं आदर्श नागरिक के गुण सीख रहे हैं। शिविर के दूसरे दिन बाल ब्रह्मचारी सुमत प्रकाश जैन ने आदर्श अभिभावक के गुण बताते हुए कहा कि हमें अच्छे कार्य को भी प्रसन्ना होकर करना चाहिए। दुखी मन से कोई भी कार्य करना पाप की श्रेणी में आता है और दुख का कारण बुरा कार्य ही पाप है। रो-रो कर घी भी पियो तो वह जहर है। दान नहीं देना पाप नहीं है अपितु दुखी होकर दान देना पाप है। सच्चा स्वरूप नहीं समझना पाप है। जिन्होंने स्वरूप को नहीं समझा वे दुखी होते हैं अतः जिन्हें दुखी नहीं होना हो वे स्वरुप को समझे। ये बात उन्होंने पालकों के लिए कही। बालकों की मुख्यता से बाल ब्रह्मचारणीय डॉ. आरती जैन छिंदवाड़ा ने कहा कि बालक बहुत ही विश्वास से पशु को छूते हैं और पशु भी उनके विश्वास को नहीं छलते। माता पिता ही बच्चों को सावधानी के नाम पर शंका सिखाते हैं। जानकारी के नाम पर उन्हें जासूस बनाते हैं। किससे बात कर रहे, क्या बात कर रहे, क्या काम कर रहे ऐसी जानकारी लेना ही शंका का बीज है। जो पूरे सृष्टि के प्रति अविश्वास की जड़ें मजबूत करता है। बच्चों पर शंका न करते हुए उन्हें निश्शंकित बनाए।

मीडिया प्रभारी दीपकराज जैन ने बताया कि शिविर में संध्या के समय जिनेंद्र भक्ति के पश्चात स्वास्थ रक्षा का मूल जैन चरणानुयोग पर वैधरत्न डॉ. दीपक जैन जयपुर ने सुंदर व्याख्यान देकर अहिंसक चिकित्सा पद्धति से समाज को अवगत कराया। प्रो. वीरसागर दिल्ली ने जैनाचार्यों का शिक्षा दर्शन विषय पर सुंदर व्याख्यान देकर प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को विश्व के प्रथम शिक्षा शास्त्री बताया जिन्होंने संसार की 72 प्रकार की कलाओं के साथ अंक विद्या, गणित विद्या, अक्षर विद्या, व्यापार की शिक्षा, कृषि की शिक्षा प्रदान की। जिनका लाभ प्रति दिन सर्वोदय अहिंसा की यूटीयूब चैनल पर सभी धर्म प्रेमियों को मिलेगा।

वार्ड 26 में चला भाजपा का घर-घर जनसंपर्क अभियान

छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वितीय कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में जिले भर में घर-घर संपर्क अभियान हो रहा है। इसी क्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू के नेतृत्व में मंगलवार को छिंदवाड़ा नगर मंडल एक के वार्ड क्रमांक 26 के मतदान केंद्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर जनसंपर्क किया साथ में प्रधानमंत्री का पत्र एवं एक साल की उपलब्धियों के पत्रक वितरित किए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू के साथ भाजपा नेता रविन्द्र पोफली, अनुज पाटकर, छिंदवाड़ा नगर मंडल अध्यक्ष एक रोहित पोफली, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अंकुर शुक्ला, योगेन्द्र राणा, संदीप चौहान, गौरव सेन, आलोक साहू, स्वनलि शर्मा, अमृत अहिरवार, मुकेश टांडेकर, अरून यादव, बीरबल साहू सहित भाजपा कार्यकर्तागण उपस्थित थे।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर जताया शोक

ऑनलाइन कार्यशाला में राजीव वर्मा ने दिया व्याख्यान

छिंदवाड़ा। नाट्यगंगा द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की एक्टिंग की ऑनलाइन की पाठशाला के इक्कीसवें दिन टीवी और फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी राजीव वर्मा कलाकारों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले हाल ही में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के तिनधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रृद्धांजलि दी। राजीव वर्मा उन चंद कलाकारों में से हैं जो टीवी और फिल्मों के साथ ही सकि्‌रय रूप से रंगमंच पर भी कार्य कर रहे हैं। आपने मैंने प्यार किया, हम साथ साथ हैं, चलते चलते, हम दिल दे चुके सनम, क्या कहना, अंदा, कच्चे धागे, हर दिल जो प्यार करेगा, जीत, कोई मिल गया, आरक्षण, बीवी न.1, परदेशी बाबू आदि आदि कई सुपर हिट फिल्मों में अभिनय किया है।राजीव वर्मा सर ने अपने अभिनय की शुरुआत कैसे हुई से लेकर आज वो जिस मुकाम पर हैं उसके बारे में बहुत ही सहजता एवं विस्तार से बताया। मंगलवार को कार्यशाला के दौरान सभी कलाकरों से मुखातिब होते हुए उन्होंने सभी कलाकारों के प्रश्नों का समाधान बड़ी ही सहजता से किया। रंगकर्म के लिए स्थान की कमी तथा छोटी जगहों पर मंच की अनुपलब्धता के प्रश्न पर उन्होने कहा कि रंगमंच तो कहीं भी बनाया जा सकता है बशर्ते हम रंगकर्म करना चाहते हों। सभी कलाकार उनकी सहजता को लेकर इतने उत्साहित थे कि बार बार सभी के मन मे ये प्रश्न उठ रहा था कि इतना बड़ा कलाकार इतना सहज कैसे? आज की खास बात ये रही कि सर की धर्म पत्नी श्रीमती रीता वर्मा जी भी कार्यशाला में उपस्थित रहीं और उन्होंने प्रतिभागियों की ओर से प्रश्न भी पूछे। जिनका सर ने बड़ी रोचकता के साथ उत्तर दिया। ये बात तो सच है और इस कार्यशाला के दौरान हर दिन महसूस होती है कि जिसका जितना ऊंचा व्यक्तित्व होता है उसकी दृष्टि उतनी ही समानता की होती है। राजीव वर्मा के उत्साहित कर देने वाले सत्र के बाद संस्था के द्वारा एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। दरअसल अभिनेता सुशांत सिंह की मृत्यु से पूरा कला जगत स्तब्ध है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए नाटयगंगा ने कलाकारों में पनप रहे अवसाद के कारण और उसके निदान को ढूंढने के लिए एक परिचर्चा का आयोजन किया। इस सत्र में उपस्थित विद्वानों ने कलाकारों को अवसाद से बचने और लड़ने के उपाय बताए तथा यह भी चर्चा की गई कि यदि हमारा कोई साथी किसी भी कारण से अवसाद में है तो हमें पूरी तरह उसका साथ देना चाहिए और उसे भावनात्मक सहयोग करना चाहिए। उसकी बातों को ध्यान से सुनकर उसे सकारात्मक दिषा देना चाहिए। साथ ही कोई भी व्यक्ति यदि किसी भी कारण से इस स्थिति से गुजर रहा है उसे बगैर शर्माए ये बातें अपने परिवार और दोस्तों से साझा करना चाहिए। विद्वानों ने बताया कि जैसे शारीरिक बीमारियों का इलाज संभव है उस ही तरह मानसिक बीमारियों का इलाज पूर्णतः संभव है। बस इसे समय से पहचान कर उचित डॉक्टर से परामर्ष लेना आवष्यक है। आज अतिथि के रूप में अनूप जोषी जी, टीकम जोशी, सोशल स्टडीज की व्याख्याता डॉ. शीमा फातिमा भारतेंदु कश्यप, फरीद खानऔर आशीष श्रीवास्तव उपस्थित रहे। आज का संचालन सवर्णा दीक्षित ने किया। कार्यशाला के निर्देशक पंकज सोनी, तकनीकि सहायक नीरज सैनी, मीडिया प्रभारी संजय औरंगाबादकर, कार्यशाला समन्वयक रोहित रूसिया, सचिन मालवी, सुवर्णा दीक्षित और मार्गदर्शक मंडल में वसंत काशीकर, जयंत देषमुख, गिरिजा शंकर और आनंद मिश्रा मौजूद रहे।

Posted By: Nai Dunia News Network

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