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रेत उत्खनन के खिलाफ पूर्व विधायक चौरे पदयात्रा पर निकले

Publish Date: | Mon, 08 Jun 2020 04:07 AM (IST)

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पूर्व विधायक अजय चौरे ने शुरू की पदयात्रा।

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उत्खनन से डंगरा, तरबूज की फसल हो रही प्रभावित

सौंसर(नवदुनिया न्यूज)।

क्षेत्र में रेत उत्खनन को लेकर सियासत गरमा गई है। जनपद सदस्य संदीप भकने के बाद अब पूर्व विधायक अजय चौरे ने पद यात्रा शुरू कर दी है। तीन दिनों से पलासपानी की नदी पर जनपद पंचायत सदस्य संदीप भकने ने अवैध उत्खनन रेत चोरी को लेकर धरना दिया था, शनिवार को ये धरना खत्म हुआ ही तो रविवार को पूर्व विधायक अजय चौरे ने कार्यकर्ताओं के साथ अवैध उत्खनन, रेत चोरी, फसल नुकसानी को लेकर औद्योगिक क्षेत्र के संगम सावंगा में नदी की पूजा करते हुए रेत सत्याग्रह शुरू किया है।

संगम सावगा नदी पर पूर्व विधायक अजय चौरे ने पहुंचकर मां कहान की पूजा अर्चना कर पदयात्रा शुरू की। इसे लेकर पूर्व विधायक और भाजपा नेता नाना भाउ मोहोड़ ने कहा कि पिछले 15 महीने प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार रही, तब इसकी सुध क्यों नहीं ली गई। हालांकि क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन के अलावा भी कई समस्या हैं, जिससे जनता की मूलभूत सुविधाएं जैसे स्वास्थ सड़क रोजगार, किसानों की बदहाली के मुद्दे हैं, लेकिन रेत चोरी को लेकर ही आंदोलन हो रहे हैं। बावजूद इसके अवैध उत्खनन और रेत चोरी को लेकर खनिज विभाग और प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। बीते दिनों ग्राम हिवराखेड़ी में भी खनिज विभाग के द्वारा 100 डंपर अवैध रूप से डम्प पर रेत माफिया पर 60 लाख रुपये का जुर्माना ठोका था, परंतु मामला अभी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ नजर आ रहा है।

जनपद सदस्य के बाद पूर्व विधायक का आंदोलनः

पूर्व विधायक अजय चौरे ने बताया कि कहान नदी हजारों लोगों को जीवन देती है, परंतु पोकलेन मशीन से रेत उत्खनन से नदी की फसलें डंगरा, तरबूज, फसल, समाप्त हो गई है, क्षेत्र में मात्र 3 खदानें स्वीकृत हैं। रेत ठेकेदार अब माफिया बन गए हैं, और अपने निर्धारित रकबे से बाहर जाकर नदी में पोकलेन मशीन लगाकर कई किमी तक नदियों को खोद दिया है। नियम से मशीन द्वारा नदी में उत्खनन करना गैरकानूनी है। कन्हान नदी से की जा रही सैकड़ों ओवरलोड डंपर रेत चोरी से ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। रेत माफिया का ग्रामीणों के द्वारा विरोध करने पर रेत ठेकेदारों के द्वारा गुंडागर्दी की जाती है, पुलिस में शिकायत करने पर भी रेत माफिया पर पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि रेत से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए, क्षेत्र के ट्रैक्टर संचालकों को वैध खदान से 400 प्रति ट्रैक्टर से रॉयल्टी मिलना चाहिए, ताकि वो अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। पदयात्रा में सुनील भागे, अरविंद ड़हाके, पुरुषोत्तम गजभिए, राजेंद्र ठाकरे, हिमांशु डांगे, बसंता चौधरी अलकेश बागडे,राजू भुजाडे, प्रदीप इंगोले बंडू बेड़े आदि थे।

सौंसर अस्पताल पर नहीं है ध्यानः

सौंसर नगर में 100 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को दर्जा मिले लगभग 15 साल गुजर गए हैं। बावजूद इसके कांग्रेस-भाजपा के जनप्रतिनिधि यहां पर 100 बेड की व्यवस्था, डॉक्टर, संसाधन, जुटाने में नाकामयाब साबित हुए हैं। वर्तमान में अस्पताल कई अव्यवस्थाओं से गुजर रहा है, जिसका खामियाजा सौंसर की जनता को भुगतना पड़ रहा है, पिछले 17 सालों में सैकड़ों बार अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ, संसाधन,आदि को लेकर एसडीएम विधायक से लेकर तो मुख्यमंत्री तक ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, परंतु क्षेत्र के नेताओं के इच्छाशक्ति की कमी के चलते आज तक यहां पर व्यवस्था नहीं बन पाई है।

Posted By: Nai Dunia News Network

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