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लगातार बिगड़ रहा मौसम, मंडी में खुले में रखा अनाज

Publish Date: | Tue, 09 Jun 2020 04:11 AM (IST)

फोटो 3 और 4शेड से नहीं हटता व्यापारियों का अनाज।

छिंदवाड़ा (नवदुनिया प्रतिनिधि)।

जिले में लगातार मौसम करवट ले रहा है पिछले कुछ दिनों में जिले में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। प्रतिदिन कहीं ना कहीं बारिश दर्ज की जा रही है। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा किसानों व आम लोगों के लिए क्या इंतजाम किए हुए हैं उसकी पोल खुलकर सामने आ रही है। पूर्व में बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया था। इसके बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इस गेहूं का परिवहन कराने के लिए निर्देशित किया था। वर्तमान में मौसम लगातार बिगड़ रहा है फिर भी कृषि उपज मंडी कुसमेली प्रबंधन किसानों के अनाज को भीगने से बचाने कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है।

कुसमेली मंडी प्रबंधन जमकर लापरवाही बरत रहा है। मंडी के शेड में व्यापारियों का खरीदा हुआ गेहूं व मक्का भरा हुआ है जबकि मंडी पहुंचने वाले किसानों के अनाज के ढेर खुले आसमान में लगाएं जा रहे हैं। अनाज खरीदी करने के 24 घंटे के भीतर अनाज का उठाव व्यापारी को करना है जिससे मंडी पहुंचने वाले किसानों के ढेर शेड में लग सके तथा अचानक बारिश हो तो अनाज को नुकसान ना हो।

अनाज भीगने पर होता है कटौत्राः

खुले में अनाज भीगने के बाद नुकसान किसानों का ही होता है मंडी प्रबंधन बारिश के दौरान किसानों को किसी भी तरह की तिरपाल उपलब्ध नहीं कराता है। अनाज भीगने के बाद नीलामी का रेट किसानों को तो मिलता है लेकिन वजन में कटौत्रा किया जाता है। जिसमें किसान का अनाज प्रति कट्टी ज्यादा लिया जाता है। प्रति कट्टी दो से तीन किलो अतिरिक्त लिया जाता है। नीलामी शुरू होने के बाद अगर पानी गिर जाए तो नीलामी बंद कर दी जाती है तथा किसानों को गेहूं व अन्य अनाज का सहीं भाव भी नहीं मिल पाता है।

– पांच शेड पड़ने लगे कमः

कुसमेली मंडी में पांच शेड है जिनमें किसानों को ढेर लगाकर अनाज की नीलामी की जानी चाहिए लेकिन मंडी में फैली अव्यवस्था के कारण तो यह पांच शेड भी वर्तमान में कम पड़ने लगे हैं। तीन शेड तो बिल्कुल व्यापारियों के अनाज से भरे हुए हैं। जिनमें किसानों के लिए थोड़ी बहुत ही जगह मिल पाती है। जो किसान सुबह जल्दी मंडी पहुंचता है उसे शेड के नीचे जगह मिल जाती है जो बाद में आता है उसे खुले में ढेर लगाने पड़ते हैं। मंडी कर्मचारी भी शेड के नीचे लगे अनाज के ढेर की पहले नीलामी करते है जबकि खुले में रखे अनाज का नंबर बाद में लगता है।

सोमवार को तीन दिन बाद मंडी खुली जिसके कारण मंडी में गेहूं के साथ मक्के की भी आवक दर्ज की गई हैं। शाम तक किसानों के अनाज की पूर्णतः नीलामी करा दी गई। शेड में व्यापारियों को अनाज होने पर लगातार उन्हें नोटिस देकर अनाज खाली करने के लिए कहा जाता है।

– अशोक डेहरिया, सचिव, कृषि उपज मंडी कुसमेली, छिंदवाड़ा।

Posted By: Nai Dunia News Network

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