फ्लोरी कल्चर के लिए चिन्हित की 100 एकड़ भूमि, सरकार बदलते प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में
Publish Date: | Wed, 26 Aug 2020 04:00 AM (IST)
उद्यानिकी विभाग की ऑर्किड पार्क बनाने की थी कार्ययोजना
युवाओं को फूलों की खेती कर बनाना था विकासशील
छिंदवाड़ा। उद्यानिकी विभाग ने जिले के लावाघोघरी के ग्राम कोहट रयैत में 100 एकड़ भूमि ऑर्किड पार्क विकसित करने के लिए चिन्हित की थी। विभाग का उद्देश्य जिले को फ्लोरी कल्चर में नई पहचान दिलाना तथा युवाओं को फूल की खेती के लिए शासन की योजना का लाभ देकर विकासशील बनाना था। उद्यानिकी विभाग ने 100 एकड़ भूमि चिन्हित की लेकिन वर्तमान में इस प्रोजेक्ट की फाइल पर धूल चढ़ गई है। इस कार्ययोजना के तहत जमीन चिन्हित की गई, लेकिन युवाओं का चयन नहीं किया गया। विभागीय सूत्रों की माने तो इस कार्ययोजना को सराकर बदलने के साथ ही बंद करने का निर्णय ले लिया गया तथा प्रोजेक्ट को कैंसिल कर दिया गया है। विभाग का मानना है कि जिस स्थान को चिन्हित किया गया था वह से ट्रांसपोटिंग में समस्या आएगी जिसके कारण जो भूमि चिंहित की गई उसे रद्द कर दिया गया, शासन के निर्देश के बाद फिर से भूमि चिन्हित की जाएगी। उद्यानिकी विभाग इस प्रोजेक्ट को शुरू करती लेकिन राज्य सरकार से ही आगे की प्रकिया करने की अनुमति नहीं मिली जिसके कारण वर्तमान में फ्लोरी कल्चर में जिज्ञासा रखने वाले युवा किसानों को झटकालगा है वह इस प्रोजेक्ट के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
– पॉलीहाउस व भूमि देता उद्यानिकी विभाग
ऑर्किड पार्क बनाने के लिए विभाग ने 100 एकड़ भूमि चिन्हित की गई। जिसमें युवाओं को विभाग भूमि के साथ पॉलीहाउस बनाने के लिए अनुदान भी दिया जाता। उसके साथ ही फूलों की खेती के बाद विभाग फूलों की मार्केटिंग करता जिससे युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराता। युवा किसानों को जो भूमि मिलती उसमें किसान झरबेरा, आर्किंड, गुलाब, रजनीगंधा के फूलों की खेती पॉलीहाउस बनाकर करते। जिले की जलवायु व भौगोलिक स्थिति फ्लोरी कल्चर को बढ़ावा देने के हिसाब से है।
– महाराष्ट्र व विदेशों में है मांग
वर्तमान में जिले के कई किसान उद्यानिकी विभाग की मदद से झरबेरा के फूलों की खेती कर रहे हैं। जिले भर में आधा दर्जन करीब झरबेरा फूल की खेती के लिए पॉलीहाउस बनाए गए हैं। फूल एजेंटों के माध्यम से नागपुर जाता है जहां से यह फूल देश के महानगरों के साथ ही विदेशों में पहुंचता है। लॉकडाउन के दौरान फूल उत्पादक किसानों को समस्या आई थी इस दौरान किसानों ने फूलों को सुखाकर रंग बनाने का कार्य किया है। वर्तमान में लॉकडाउन खुलने के बाद से झरबेरा का फूल अन्य स्थानों पर पहुंचने लगा है।
– इनका कहना है।
100 एकड़ भूमि ऑर्किड पार्क के लिए चिंहित की गई लेकिन उसे बाद में कैंसिल कर दिया गया। उस स्थान पर ट्रांसपोर्टिंग की समस्या आने के कारण विभाग ने यह निर्णय लिया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर आगे का निर्णय शासन को लेना है।
एमआई उईके, उपसंचालक, उद्यानिकी विभाग, छिंदवाड़ा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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