21 साल बाद भी नहीं भूले क्षेत्र के लोग जाम नदी की दुर्घटना
Publish Date: | Mon, 10 Aug 2020 04:10 AM (IST)
बस बहने से हुई थी 49 लोगों की मौत
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1999 में बस बहने से हुआ था हादसा
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हादसे के बाद बना राजीव गांधी सेतु
सौंसर। 21 साल गुजर जाने के बाद भी जाम दुर्घटना को सौंसर क्षेत्र के लोग अब तक नहीं भूल पाए हैं, 9 अगस्त या जाम नदी का जिक्र होते ही जान दुर्घटना आंखों के सामने आ जाती है, सौंसर की जाम नदी पर मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस बह जाने से लगभग 49 लोगों की मौत हो गई थी, दुर्घटना में मृत हुए लोगों में नागपुर छिंदवाड़ा परासिया के अलावा सौंसर के ग्राम जाम के लोग शामिल थे, आज भी 9 अगस्त आने के बाद में यह दुर्घटना का आसानी से स्मरण हो जाता है, मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस सौंसर से नागपुर जाते समय लगभग दोपहर 12 से 1 के बीच जाम नदी पुलिया पार करते समय पुलिया से नीचे उतर कर दी गई थी, सौंसर क्षेत्र के इतिहास में यह बस दुर्घटनाओं में अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जाती है।
सौंसर के लोगों ने की मानवता की मिसाल पेश
सौंसर से नागपुर जा रही बस नदी में बह जाने की जैसे खबर सौंसर क्षेत्र के लोगों को पता चली वैसे ही लोगों का हुजूम जाम नदी पर टूट पड़ा था, उस समय तत्कालीन एसपी शैलेश सिंह, डीएसपी अमित सांघी ने इस दौरान मोर्चा संभाले हुए थे, कृषि उपज मंडी में मृतकों के शव रखे गए थे, कई शव कामठी तक बह गए थे, इधर लगभग 50 लोगों की नदी में बहने से मौत हो गई थी। सौंसर क्षेत्र के साथ पूरा जिला गमगीन अवस्था में था, ऐसे में सौसर क्षेत्र के स्वयंसेवी लोगों संस्थाओं ने आगे आकर मानवता की मिसाल कायम की थी।
49 लोगों की मौत के बाद बना राजीव गांधी सेतु
9 अगस्त 1999 को जाम नदी पर बस दुर्घटना होने के बाद में निजी पूंजी निवेश से यहां पर राजीव गांधी सेतु नामक पुलिया का निर्माण किया गया जिसका शुभारंभ करने
तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सांसद कमलनाथ महाराष्ट्र प्रदेश के मुख्यमंत्री विलासराव राज्यसभा सदस्य सुरेश पचौरी, पीएचई मंत्री दीपक सक्सेना, विधायक अजय चौरे की प्रमुख उपस्थिति में राजीव गांधी सेतु पुलिया का लोकार्पण शुभारंभ किया गया।
बदहाल है राजीव गांधी सेतु का शिलालेख
जाम नदी पर पुलिया निर्माण के बाद में इस पुलिया का नाम राजीव गांधी सेतु रखा गया था पर वर्तमान में इस पुलिया के रखरखाव को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते पुलिया शुभारंभ के दौरान बनाए गए शिलालेख पत्थर भी अब बदहाल क्षतिग्रस्त और निशब्द अवस्था में आ गए हैं, वर्तमान में इसी पुलिया के बाजू में लगा हुआ राजीव गांधी सेतु का शिलालेख पत्थर जर्जर अवस्था में हो गया है।
आदिवासी दिवस पर दी बधाईयां
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विश्व आदिवासी दिवस पर हुए आयोजन
सौंसर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रविवार को आदिवासी समाज के लोगों एवं आदिवासी समाज से जुड़े हुए संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा विभिन्ना स्थानों ओर घरों में कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए आदिवासी दिवस की एक दूसरे को बधाइयां प्रेषित की, इस दौरान आदिवासी समाज के कई परिवारों के द्वारा रात्रि में बड़ा देव की पूजा के बाद में अपने घरों के सामने दीपक जलाकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। वही दूसरी ओर आदिवासी ग्रामीण अंचल सीलेवानी टुडेवानी में बड़ा देव की पूजन के बाद में मोटरसाइकिल रैली निकाली एवं आदिवासी भाइयों को मिष्ठान वितरित कर विश्व आदिवासी दिवस मनाया, विश्व आदिवासी दिवस पर संबोधित करते हुए आदिवासी नेता नामदेव ईवनाती ने कहा कि प्रदेश और देश के विकास में आदिवासी समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है, जल, जंगल व जमीन के संरक्षण में सदैव लीन रहने वाले, लोगों के कारण ही विश्व में भारत की पहचान है। आयोजन के दौरान विश्व की सबसे प्राचीन आदिवासी सभ्यता के संरक्षण एवं आदिवासी समाज के हितों के रक्षण समाज के दबे कुचले लोगों को आगे बढ़ाने आदि का संकल्प भी लिया गया। इस दौरान संजय खंडाइत, अशोक बट्टी, सरपंच रंजन भैया आदि उपस्थित थे।
Posted By: Nai Dunia News Network
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