कोरोना के बाद अब बाढ़ की चुनौती
Publish Date: | Fri, 28 Aug 2020 04:13 AM (IST)
छिंदवाड़ा। जिले में कोरोना के साथ अब बारिश के सीजन में बाढ़ की चुनौती सामने है। बारिश में नदी और नाले वैसे ही उफान पर है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती बाढ़ को लेकर है। खासतौर पर सौंसर और पांढुर्णा में निचली बस्तियों में बाढ़ की बड़ी चुनौती होती है। हर साल पांढुर्णा में शहर के बीचों बीच शिवनी नदी के किनारे रहने वाले लोगों के घर में बाढ़ का पानी भर जाता है। जिसमें जान माल की भी हानि होती है। गौरतलब है कि जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 122 ग्राम व 7 शहरी क्षेत्र है तथा छोटे और बड़े कुल 128 बांध व तालाब हैं। जिसमें माचागोरा, कन्हरगांव और तोतलाडोह 3 बड़े बांध हैं। प्रशासन को इस बारे में चिंता भी है, यही वजह है कि बाढ़ आपदा के नियंत्रण के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है, साथ ही 54 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यही नहीं बाढ़ नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किया गया है। ताकि किसी प्रकार की अवांछित परिस्थितियां उत्पन्ना नहीं हो। अत्यधिक वर्षा और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना बाढ़ के प्रमुख कारणों में से है। साथ ही बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष तैयार किया गया है। प्राकृतिक जलाशय एवं जल निकास के लिए नालियों की सफाई, जलाशयों के किनारे अतिक्रमण हटाने, तटबंधों का सुदृढ़ीकरण करने, बाढ़ पूर्व सूचना की व्यवस्था करने और आपातकालीन कार्रवाई के लिए आवश्यक सेवाओं के रख-रखाव, समन्वय, आवश्यक वस्तुओं का भंडारण, दवाई व चिकित्सक दल, पशु चिकित्सा सेवायें, स्वास्थ्य व स्वच्छता, पेयजल, अस्थायी शिविर, खाद्यान्ना की व्यवस्था आदि पर चर्चा कर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे संवेदनशीलता के साथ इस दिशा में कार्य करें।
इनका कहना है
सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वो अपने क्षेत्र पर नजर बना कर रखें। आपात स्थिति से निपटने के लिए सारी तैयारी कर ली गई है।
सौरभ सुमन, कलेक्टर
Posted By: Nai Dunia News Network
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