बेसहारा मवेशियों को पहुंचाया गोशाला
Publish Date: | Mon, 24 Aug 2020 04:04 AM (IST)
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दूसरे सप्ताह भी बजरंग दल ने पकड़े गोवंश।
परासिया। शहर की सड़कों को बेसहारा मवेशियों से मुक्त कराने विश्व हिंदु परिषद बजरंग दल ने अभियान छेड़ा है। बजरंग दल ने लगातार दूसरे सप्ताह सड़कों पर घूम रहे आवारा गोवंश को पकड़ा और इन्हें मोठार गोशाला पहुंचाया। नगर पालिका परासिया के अमले के सहयोग से पशुओं को पकड़ा गया। जिला गौ रक्षा प्रमख मोहन थापा, जिला सह संयोजक सुज्जु वानवंशी, प्रखंड संयोजक अनुराग जायसवाल प्रखंड गो रक्षा प्रमुख बूटा तोमर, सोनू पंडित प्रखंड सह संयोजक भीम बागड़े, धीरज यदुवंशी, धीरज डेहरिया परासिया नगर संयोजक महेंद्र डेहरिया, चांदामेटा नगर संयोजक विशाल पटेल, चंचलेश यादव, दुर्गेश पवार करण यदुवंशी, शोभित डेहरिया, प्रफुल्ल सूर्यवंशी, प्रबल मालवीय, नीरज धुर्वे, अनिकेत तिवारी ओंकार धुर्वे आशु कुशवाह, शिवम निंजे, भूवी नागवंशी, मुकेश बेले चंचलेश वर्मा रवि पाल आदि ने कार्रवाई में भाग लिया।
भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर बांटी
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परिचितों को बनाकर देते हैं मिट्टी की मूर्ति।
परासिया। प्लास्टर आफ पेरिस से पर्यावरण और नदियों को हो रहे नुकसान के चलते ईको फ्रेंडली गणेश की परिकल्पना साकार हो रही है। परासिया के छिंदा निवासी सिविल इंजीनियर सिद्धांत तारण मिट्टी के गणेश अभियान के तहत खुद मूर्ति बनाते हैं। अपनी बनाई मूर्ति को स्थापित कर पूजन कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने परिचितों को भी मिट्टी से बनी मूर्ति बनाकर दी। प्रतिमाओं के निर्माण में वे ध्यान रखते हैं कि प्रतिमाओं के निर्माण में पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली चीजों का इस्तेमाल न हो। इस बार भी उन्होंने मूर्ति बनाई है। छिंदा में उनके आवास में इसी मूर्ति का पूजन किया जा रहा है। सिद्धांत चार साल से गणेशजी की मूर्ति का निर्माण कर घर में स्थापित कर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में साप्ताहिक हाट शुरू करने की मांग
परासिया। पीएम ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का एलान किया था। इसके बाद लॉकडाउन शुरू हो गया। तब से लेकर अब तक क्षेत्र के सभी साप्ताहिक हाट बंद है। साप्ताहिक हाट में ग्रामीण क्षेत्र के किसान, व्यापारी अपनी उपज फसल लेकर आते हैं। ऐसे में हाट बाजार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अहम कड़ी माने जाते हैं। अनलॉक में धीरे धीरे सब कुछ शुरू होने के बाद अब साप्ताहिक हाट बाजार को भी खोलने की मांग उठने लगी है। परासिया शहर में गुरुवार और रविवार दो दिन हाट लगता है। सब्जी, कपड़ा, ग्रामीण उपज आदि की बिक्री के लिए ये क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। सैकड़ों दुकानें यहां लगती हैं। इससे दो लाभ थे ग्रामीणों को अपनी उपज के लिए बाजार मिलता था। वहीं प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों को दाम कम मिलते थे। बाजार नहीं होने से मनमाने दामों में सब्जियां और उपज बेची जा रही है।
80 प्रतिशत दुकानों की मालिक हैं महिलाएं:
साप्ताहिक हाट बाजार में 80 प्रतिशत से ज्यादा दुकानें महिलाएं चलाती हैं। महिलाओं का ताकत का भी ये केंद्र हैं। इन्हें खेत में काम पर लगा दिए जाने से इनकी रोजी रोटी पर भी संकट है। तामिया रोड के कई गांवों के ग्रामीण घास, पत्तियां, अंडे, मुर्गे बेचने बाजार में आते थे। इनका धंधा हाट बाजार बंद होने से चौपट हो गया है। बड़ी संख्या में टैक्सी वालों को भी इनसे रोजगार मिलता था। बाजार बंद होने से बाजार के आसपास की स्थाई दुकानों को भी घाटा सहना पड़ रहा है। महिला कांग्रेस नेत्री मंजू सोनी ने कहा कि बाजार नहीं लगने से ग्रामीणों व्यापारियों को नुकसान है। वहीं ग्राहकों को भी प्रतिस्पर्धा नहीं होने से चीजें महंगे दामों में मिल रही है। इसलिए यथाशीघ्र बाजार चालू करने चाहिए।
Posted By: Nai Dunia News Network
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