Gotmar Mela 2020 : छिंदवाड़ा में गोटमार मेला, प्रतिबंध के बाद भी जमकर चले पत्थर

Updated: | Wed, 19 Aug 2020 02:25 PM (IST)
Gotmar Mela 2020 : छिंदवाड़ा, पांढुर्ना। तमाम कवायद के बावजूद प्रशासन गोटमार मेले पर रोक लगाने के नाकाम रहा। अब तक दोनों तरफ हुई पत्थरबाजी में 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए है। हर साल मेला स्थल पर कैंप लगाकर घायलों का इलाज किया जाता था। दूसरी तरफ पांढुर्ना-सावरगांव के लोगों ने गोटमार मेले की पूर्व संध्या पर भी जमकर पत्थर चलाये।
भले ही प्रशासन की मंशा गोटमार मेले को सांकेतिक तौर पर मनाने की रही हो परन्तु वर्षो पुरानी शहर की गोटमार मेले की परंपरा को बंद हो जाने की आशंका पैदा होने के कारण शहरवासीयो ने एक दिन पहले ही जमकर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। प्रशासनिक आला अधिकारीयों के लाख प्रयासों के बाद भी गोटमार मेला आखिरकार लोग ने शुरू कर ही दिया।
वर्षो पुरानी मान्यता पर आधारित है गोटमार मेला
पोला पर्व के दूसरे दिन, वर्षों पुरानी मान्यता के आधार पर गोटमार मेले का आयोजन किया जाता है। गोटमार मेले में पांढुर्ना-सावरगांव दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसमें सावरगांव पक्ष के लोग पलाश के झंडे को पांढुर्ना सावरगांव के बीच बहने वाली जाम नदी के बीच झंडे को स्थापित करते हैं।जिसके बाद पूजा अर्चना कर गोटमार के आयोजन की शुरुआत करते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान दिन भर दोनो पक्षो के लोग एक दूसरे पर आमने सामने पत्थर बरसाते है। जिसमे सेकड़ो लोग गभीरं घायल भी होते है। इस बीच जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी तैनात है और गोटमार मेले की हर एक गतिविधि पर अपनी पैनी नजर बनाये रखे है। इस बार दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सात एसडीओपी, दस थाना प्रभारी, 30 एसआई, 50 एएसआई और लगभग 500 एसएफ, होमगार्ड, वन विभाग और जिला पुलिस बल तैनात है। गोटमार मेले में घायल होने वाले लोगों के लिए फिलहाल प्रशासन ने कोई मेडिकल व्यवस्था में कैंप नहीं लगाए हैं। इस पर जिला प्रशासन पर यह व्यवस्था छोडने की बात सामने आ रही है।
Posted By: Prashant Pandey
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