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त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने बेतवा के चरणतीर्थ घाट पर किया था पिता का तर्पण

Publish Date: | Mon, 14 Sep 2020 02:23 PM (IST)

– वृहद पुष्कर महात्म्य नामक ग्रंथ में मिलता है उल्लेख

राजेंद्र शर्मा। विदिशा

त्रेतायुग में भगवान श्रीराम, माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ अत्रि ऋषि के कहने पर विदिशा पहुंचे थे। यहां उन्होंने पंच ऋषियों के आचार्यत्व में अपने पिता चक्रवर्ती सम्राट दशरथजी का श्राद्घ किया था। इसका उल्लेख वृहद पुष्कर महात्म्य नामक ग्रंथ में भी मिलता है। धार्मिक मामलों के जानकार भी इस बात की पुष्टि करते हैं। मप्र प्रांतीय पुजारी महासभा अध्यक्ष संजय पुरोहित बताते हैं कि वृहद पुष्कर महात्म्य के 21 वें अध्याय में जब वेदव्यास के पुत्र सूतजी से ऋषियों ने पूछा कि श्रीराम ने कहां-कहां श्राद्घ किया, तब उन्होंने बताया कि श्रीराम भार्या सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ चित्रकूट से चलकर अत्रि ऋ षि के आश्रम पहुंचे और उन्होंने पिता का तर्पण करने के लिए पुण्य क्षेत्रों की जानकारी ली, तब ऋ षि ने उन्हें बताया कि विदिशा में पिता (ब्रह्मा) द्वारा निर्मित एक उत्तम और सब फल प्राप्ति देने वाला तीर्थ है, जहां दो प्रसिद्घ मर्यादा पर्वत हैं, वहां पिंडदान करने से निश्चित ही पितृ तृप्त होते हैं। अत्रि ऋ षि के के वचन सुनकर भगवान श्रीराम सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ ऋ क्षवान पर्वत वर्तमान में (लुहांगी पहाड़ी) विदिशा नगरी और चमकती नदी (बेतवा) को पार कर यज्ञ पर्वत (ऐतिहासिक पर्यटन स्थल उदयगिरि पहाड़ी) के पास पहुंचे। यहां मार्कण्डेय ऋ षि का आश्रम था। राम ने ऋ षिवर से पिता के लिए पिंडदान करने की बात कही, तब ऋ षि के कहने पर दूसरे दिन जमदग्नि, भारद्वाज, लोमश, देवरात और शमिक्ति ऋ षियों एवं मुनियों ने राजा दशरथ का विधि-विधान से चरणतीर्थ घाट पर श्राद्घ कराया था।

चरणतीर्थ पर है मार्कडेण्य ऋ षि की प्रतिमा

बेतवा के चरणतीर्थ घाट स्थित शिवालय के मुख्य द्वार पर मार्कडेण्य ऋषि की प्रतिमा स्थापित है। संजय पुरोहित बताते हैं कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम अपने पिता का श्राद्घ करने के लिए एक माह तक पुष्कर तीर्थ में रुके थे, उसी दौरान वह विदिशा पहुंचे और चरणतीर्थ घाट पर श्राद्घ किया। उन्होंने बताया कि वृहद पुष्कर महात्म्य में जो चमचमाती नदी बताई है, वह बेतवा है। बेतवा में सल्फर की मात्रा अधिक होने के कारण वह चमचमाती थी। बताते हैं कि यहां स्नान करने से चर्म रोग भी ठीक हो जाते थे।

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फोटो कैप्शन

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विदिशा। बेतवा का चरणतीर्थ घाट जहां श्रीराम ने किया था पिता दशरथ का श्राद्घ। नवदुनिया

Posted By: Nai Dunia News Network

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