इकबाल मैदान ने भी एमएफ हुसैन को देखा है
Publish Date: | Thu, 17 Sep 2020 04:13 AM (IST)
इकबाल मैदान ने भी एमएफ हुसैन को देखा है-
17 सितंबर को जन्मदिन पर विशेष
अभय नेमा। भोपाल
इकबाल मैदान पर गैस पीड़ितों की याद में शाहीन का जो मॉन्यूमेंट (स्मारक) लगा है, उसका लोकार्पण समकालीन चित्रकला के मशहूर पेंटर मकबूल फिदा हुसैन ने ही किया था। 1986 में बाज यानी शाहीन के इस मॉन्यूमेंट को आकार दिया था चित्रकार और कवि जगदीश स्वामीनाथन ने। यह 1982 से 1990 का दौर था, जब भारत भवन बना था और भोपाल एमएफ हुसैन समेत कला संगीत और साहित्य की बड़ी हस्तियों को आकर्षित करने लगा था।
शहर के जाने-माने पेंटर अखिलेश ने एमएफ हुसैन पर दो किताबें लिखी हैं। एक उनकी बायोग्राफी है ‘मकबूल’ और दूसरी किताब में एमएफ पर लिखे गए लेखों का संग्रह है। हुसैन की बायोग्राफी बड़ी मशहूर हुई। 6 महीने बाद ही उसका दूसरा संस्करण आ गया था। अखिलेश के मुताबिक बाबा, शाहीन के लोकार्पण के बाद भारत भवन के निमंत्रण पर अक्सर भोपाल आते रहे। इस दौरान भोपाल में चित्रकला प्रदर्शनी में जूरी के तौर पर शामिल होते और चित्रकारों के साथ पेंटिंग को लेकर बातचीत करते, उनकी जिजीविषा और काम करने के ढंग से हर पेंटर प्रभावित होता था। वह 18-18 घंटे काम करते थे। लंबे समय तक पेंटिंग करना और एक साल में कई पेंटिंग बना देना विलक्षण पेंटर के बस की ही बात है। भोपाल में पीरगेट और सिनेमाघर उन्हें आकर्षित करते थे। अखिलेश ने बताया कि बाबा दिल्ली में होते तो फोन कर देते कि आ जाओ होली मनाएंगे। कभी पटना बुला लेते। एक बार जापान की टीवी कंपनी एनएचके की टीम हुसैन साहब पर फिल्म बनाने मुंबई आई, तब बाबा ने मुझे भी बुलाया। फिल्म की शूटिंग हैदराबाद में हुई। हुसैन साहब ने देशभर में तकरीबन 25 आर्ट गैलरियां खुलवाईं। इसमें चित्रकारों को दर्शकों के सामने अपनी कला को रखने का अवसर मिला। भोपाल में भी चार गैलरियां खुली लेकिन बंद हो गईं क्योंकि भोपाल और मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट पेंटिंग खरीदने वाले न के बराबर हैं। इंदौर स्कूल ऑफ आर्ट्स से पढ़े एमएफ हुसैन और बेंद्रे ने पूरे देश के चित्रकला परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने शांति निकेतन और बड़ौदा जैसे चित्रकला स्कूलों के बरक्स अपनी शैली से स्थान बनाया।
नोट- खबर का फोटो बाद में भेजा जाएगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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