इसकी बदौलत पारंपरिक रिपेलेंट्स की जरूरत नहीं रहेगी। डब्ल्यूएचओ के मापदंडों के हिसाब से सुरक्षा मानकों का होता है पालन। from https://ift.tt/3doW6fz