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चिदंबरम बोले- मूर्ख समझते हैं.... सरकार के खिलाफ जनता को विद्रोह कर देना चाहिए

नई दिल्लीकांग्रेस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के एक बयान को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि भारत के सभी लोगों को ‘मूर्ख समझ रही’ सरकार के खिलाफ जनता को विद्रोह कर देना चाहिए। वहीं, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हर्षवर्धन को बर्खास्त करने की मांग की है। चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘मैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के उस बयान से आक्रोशित हूं कि ऑक्सिजन, वैक्सीन और रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान से भी आक्रोशित हूं कि प्रदेश में टीके की कोई कमी नहीं है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि क्या टीवी चैनलों पर चल रहे सारे विजुअल्स, अखबारों की खबरें झूठी हैं। क्या डॉक्टर झूठ बोल रहे हैं, क्या मरीजों के परिजन झूठ बोल रहे हैें? क्या सारे वीडियो और फोटो फर्जी हैं? चिदंबरम ने कहा, ‘जनता को उस सरकार के खिलाफ विद्रोह करना चाहिए जो यह मानकर चल रही है कि भारत के सभी लोग मूर्ख हैं।’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी डॉक्टर हर्षवर्धन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘अस्पतालों में उपचार नहीं मिल रहा है। ऑक्सिजन की कमी बरकरार है। लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। श्मशान और कब्रिस्तानों में जगह नहीं बची है। इस स्थिति के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि इस साल स्थिति पिछले साल से बेहतर है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘ऐसा लगता है कि वो मानवता का मूलधर्म भूल चुके हैं। सत्ता के अहंकार में इतने चूर हैं कि वो लोगों की वेदना भूल गए हैं।’ सुप्रिया ने कहा, ‘हर्षवर्धन के अंदर नैतिकता नहीं है कि इस्तीफा देंगे। इनको तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।’ गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मंगलवार को एक वेबिनार में कहा था कि 2021 में देश पिछले साल की तुलना में महामारी को हराने के लिए अधिक अनुभव के साथ मानसिक और भौतिक रूप से बेहतर तैयार है। सुप्रिया ने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को भी चिंताजनक करार दिया और दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार संवेदनशीलता दिखाने की बजाय लोगों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में बार बार फरमान जारी किया जा रहा है। पहले फरमान जारी किया गया कि अस्पताल में भर्ती के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति चाहिए। फिर फरमान दिया गया कि ऑक्सीजन देने का निर्णय डॉक्टर नहीं, सरकार की समिति करेगी। अब नया फरमान दिया गया कि ऑक्सीजन और दवा की कमी का मुद्दा उठाने वाले के खिलाफ रासुका लगाया जाएगा और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।’’ सुप्रिया ने आरोप लगाया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी पिछले कुछ दिनों में असंवेदनशील बयान दिए हैं।


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