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भारत में रूसी वैक्‍सीन स्पूतनिक को मंजूरी, जानें Covishield और Covaxin से कितनी अलग

भारत में कोरोना वायरस के एक और टीके को मंजूरी मिल गई है। रूस में डिवेलप की गई कोविड-19 वैक्‍सीन Sputnik V को सरकारी पैनल ने अप्रूव कर दिया है। देश में इस वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल चल रहा है। वैसे दुनिया में रेगुलेटरी अप्रूवल हासिल करने वाली यह पहली वैक्‍सीन थी मगर पर्याप्‍त ट्रायल डेटा न होने के चलते दूसरे देशों ने इसे उतनी तवज्जो नहीं दी।भारत में कोरोना वायरस के दो टीकों- Covishield और Covaxin को जनवरी 2021 के पहले हफ्ते में अप्रूवल मिल चुका है। आइए जानते हैं कि Sputnik V, Covishield या Covaxin से कितनी अलग है।

Sputnik V Vaccine Latest News: स्‍पतनिक वी वैक्‍सीन को बनाने वाले RDIF ने भारत की दवा कंपनियों से करोड़ों डोज तैयार करने के लिए सौदे किए हैं। भारत में इस वैक्‍सीन को आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।


Sputnik V News: रूसी कोरोना वैक्‍सीन को भारत में मंजूरी, जानें Covishield और Covaxin से कितनी अलग है

भारत में कोरोना वायरस के एक और टीके को मंजूरी मिल गई है। रूस में डिवेलप की गई कोविड-19 वैक्‍सीन Sputnik V को सरकारी पैनल ने अप्रूव कर दिया है। देश में इस वैक्‍सीन का फेज 3 ट्रायल चल रहा है। वैसे दुनिया में रेगुलेटरी अप्रूवल हासिल करने वाली यह पहली वैक्‍सीन थी मगर पर्याप्‍त ट्रायल डेटा न होने के चलते दूसरे देशों ने इसे उतनी तवज्जो नहीं दी।

भारत में कोरोना वायरस के दो टीकों- Covishield और Covaxin को जनवरी 2021 के पहले हफ्ते में अप्रूवल मिल चुका है। आइए जानते हैं कि Sputnik V, Covishield या Covaxin से कितनी अलग है।



कितने असरदार हैं कोरोना वायरस के ये तीनों टीके?
कितने असरदार हैं कोरोना वायरस के ये तीनों टीके?

फेज 3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में Sputnik V वैक्‍सीन की एफेकसी 91.6% पाई गई है।

भारत बायोटेक की Covaxin ने फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल में 81% की एफेकसी हासिल की थी।

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield की एफेकसी 62% दर्ज हुई थी। हालांकि डेढ़ डोज देने पर एफेकसी 90% तक पहुंच गई।



क्‍या है डोज पैटर्न और स्‍टोरेज का तरीका?
क्‍या है डोज पैटर्न और स्‍टोरेज का तरीका?

Covishield की दो डोज 4-8 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती हैं। इसे स्‍टोर करने के लिए सब जीरो तापमान (शून्‍य से कम) की जरूरत नहीं है।

Covaxin की दो डोज 4-6 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती हैं। इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर स्‍टोर कर सकते हैं।

Sputnik V के डिवेलपर्स के अनुसार, इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्‍टोर किया जा सकता है। यह वैक्‍सीन भी दो डोज में दी जाती है।



कीमत और उपलब्‍धता का क्‍या है सीन?
कीमत और उपलब्‍धता का क्‍या है सीन?

Covishield और Covaxin, दोनों ही सरकारी अस्‍पतालों में मुफ्त में लगाई जा रही हैं। प्राइवेट अस्‍पताल में जाने पर 250 प्रति डोज का शुल्‍क लिया जा रहा है। सरकार सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक को 150 रुपये प्रति डोज दे रही है।

Sputnik V की भारत में कीमत अबतक स्‍पष्‍ट नहीं है। विदेश में यह टीका 10 डॉलर प्रति डोज से कम है। RDIF का शुरुआती प्‍लान इसे रूस से आयात करने का है। ऐसे में कीमत ज्‍यादा हो सकती है।

एक बार इस वैक्‍सीन का प्रॉडक्‍शन भारत में शुरू हो जाए तो कीमतें काफी कम हो जाएंगी। डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज से 10 करोड़ डोज बनाने की डील हुई है। इसके अलावा RDIF ने हेटरो बायोफार्मा, ग्‍लैंड फार्मा, स्‍टेलिस बायोफार्मा, विक्‍ट्री बायोटेक से 85 करोड़ डोज बनाने का भी करार कर रखा है।





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