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डॉक्टरों पर बेतुके बयान देकर फंस गए बाबा रामदेव, 1000 करोड़ रुपये का नोटिस


देहरादून एलोपैथी और डॉक्टरों पर विवादित बयान देकर योगगुरु रामदेव बुरी तरह फंस गए हैं। उनकी मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है। जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है। 

रामदेव ने दिया था विवादित बयान 

बता दें कि पिछले दिनों बयान दिया था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कह दिया था था। इस पर विवाद बढ़ने और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के कड़े ऐतराज के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था। 

रामदेव ने आईएमए से पूछे 25 सवाल 

माना जा रहा था कि विवाद थम जाएगा लेकिन 24 मई को रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठा दिए। इस बार उन्होंने पतंजलि के लेटरपैड पर लिखी एक चिट्ठी में आईएमए से 25 सवाल किए। इस पर उनके हस्ताक्षर भी है। बाबा रामदेव ने इस पत्र में हेपटाइटिस, लीवर सोयराइसिस, हार्ट एनलार्जमेंट, शुगर लेवल 1 और 2, फैटी लीवर, थायराइड, ब्लॉकेज, बाईपास, माइग्रेन, पायरिया, अनिद्रा, स्ट्रेस, ड्रग्स एडिक्शन, गुस्सा आदि पर स्थायी इलाज को लेकर सवाल पूछे।




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