लापता 26 लोगों की तलाश जारी - 1200 जवान, 84 घंटे से सर्च ऑपरेशन में जुटे
मुंंबई ने तौकते चक्रवात के बाद से समुद्र में लापता नाविकों की खोज का दायरा बढ़ा दिया है। दुर्घटनास्थल से करीब 1200 किमी के समुद्री क्षेत्र तक लापता नाविकों की तलाश की जा रही है। नौसेना के करीब 1,200 जवान पिछले 72 घंटे से गहरे समुद्र में नाविकों की जान बचाने के अभियान में लगे हुए हैं। नौसेना को अब तक 186 लोगों की जान बचाने में सफलता मिली है। खबर लिखे जाने तक जवानों को 49 नाविकों के शव समुद्र में मिले, जबकि 26 नाविक लापता थे। तौकते चक्रवात में कई नाविक कई किलोमीटर दूर बह कर चले गए। उनकी तलाश में उनकी पहनी हुई लाइफ जैकेट में नौसेना के लिए मददगार साबित हो रही है। जैकेट में लगी लाइट की रोशनी से ही अब तक विशाल सागर में 188 नाविकों को बचाया जा सका है। वहीं, गहरे समुद्र में कई किलोमीटर दूर तक बहे शवों की तलाश भी लाइट की मदद से की जा रही है। पानी के संपर्क में आने से बैटरी जल उठती है। यह करीब 7.5 किलोमीटर तक प्रकाश फैलाती है, जिससे खोजी दस्ते को मदद मिल रही है।
ऑपरेशन में नेवी के कई युद्ध पोत लगाए गए
17 मई की देर शाम को बॉम्बे हाई के हीरा ऑइल फील्ड की पी-305 नौका डूब गई थी। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही तूफानी रात में करीब 10 बजे आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता घटनास्थल पर पहुंचे थे। तब तक नौका पानी में डूब चुकी थी। उस समय समुद्र में 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रफ्तार से हवा चल रही थी।
कई लोगों की ऐसे बची जान
ऊंची लहरों के कारण नौसैनिकों को कुछ फुट की दूरी पर भी कुछ नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में, नौका के डूबते वक्त पानी में छलांग लगाने वाले या छोटी कश्ती के सहारे जान बचाने का प्रयास करने वालों के लिए ड्राई सेल से चलने वाली बैटरी ने संजीवनी का काम किया।
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