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नारद केस: ममता सरकार के 2 मंत्रियों और TMC विधायक को HC से राहत

कोलकाता कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारदा स्टिंग () मामले में के दो मंत्रियों सहित चार नेताओं को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, टीएमसी विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को अंतरिम जमानत दी, जिन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने हाल ही में नारदा स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के 4 तत्कालीन मंत्रियों (फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी) को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में 16 अप्रैल, 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में राज्यपाल ने संविधान के 163 और 164 आर्टिकल के तहत अधिकार का प्रयोग करते हुए सीबीआई को केस चलाने की अनुमति पिछले ही हफ्ते दी थी। 2016 में सामने आया नारद स्टिंग टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग टेप सामने आने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी। दावा किया गया था कि इन्हें 2014 में बनाया गया था और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को एक काल्पनिक कंपनी के नुमाइंदों से कैश लेते दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारद न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था। यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट तक पहुंचा। मार्च, 2017 में कोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया। सीबीआई और ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। नवंबर 2020 में ईडी ने भेजा नोटिस पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के कई नेता सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के रेडार पर थे। नवंबर 2020 में ईडी ने नारद स्टिंग ऑपरेशन में पूछताछ के लिए तीन टीएमसी नेताओं को नोटिस भेजकर डॉक्युमेंट मांगे थे। इनमें मंत्री फरहाद हाकिम, हावड़ा सांसद प्रसून बंदोपाध्याय और पूर्व मंत्री मदन मित्रा की आय और व्यय का हिसाब मांगा गया था।


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