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22 मई 1997 की वो खौफनाक तारीख...जब हिली थी धरती...और थर्रा गया था जबलपुर

जबलपुर: 24 साल पहले आज ही के दिन मध्य प्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर एक भयानक प्राकृतिक हादसे का शिकार हुआ था। 22 मई, 1997 को जबलपुर में आए भूकंप ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी थी। 41 लोगों की जानें गई थीं और लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी। भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले जबलपुर में उसके बाद भी दो-तीन झटके आ चुके हैं, लेकिन लोग आज भी 1997 की उस सुबह को याद कर सिहर उठते हैं। रिक्टर स्केल पर 6 तीव्रता वाले इस भूकंप से पूरा जबलपुर शहर थर्रा गया था। भूकंप ने जबलपुर के कोसमघाट गांव को तबाह कर दिया था। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय सहित अनेक स्थानों पर हजारों मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिले की अनेक बड़ी इमारतें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई थीं। 

जबलपुर में आया भूकंप जमीन से 33 किलोमीटर नीचे केंद्रित था। इससे जबलपुर के 70 किलोमीटर के आसपास का इलाका और तक़रीबन 2 हजार 539 गांव प्रभावित हुए थे। शहर के 5 हजार से अधिक मकान बर्बाद हो गए थे। भूकंप से हुई तबाही का जायजा लेने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल यहां आए थे और लोगों से मिले थे। भूकंप के मामले में जबलपुर और नर्मदा घाटी काफी संवेदनशील मानी जाती है। नर्मदा घाटी में धरती के अंदर दो प्लेट के बीच उथल-पुथल के कारण इसे संवेदनशील माना जाता है। 

जबलपुर को भूकंप के जोन-3 में रखा गया है और यहां 6 से 7 तीव्रता के भूकंप आने की आशंका बनी रहती है। इसीलिए शहर का नाम आपदा प्रबंधन की सूची में 38 अति संवेदनशील शहरों में शामिल है। 1997 के विनाशकारी भूकंप के बाद भी के आफ्टर शॉक लगातार आते रहते हैं। ऐसा माना जाता है की जबलपुर में गर्मियों के वक्त भूकंप आया है। 2014 और 2015 में गर्मियों के समय भूकंप के झटके आए हैं।



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