3-4 किलोमीटर लंबे लंगर... समुद्र में जिंदगी की एक ऐसी कहानी जो आपने सुनी नहीं होगी
Barge And DrillShip Explained: अरब सागर में आए चक्रवात 'ताउते' में ONGC के लिए काम कर रहे तीन बार्ज और एक ड्रिलशिप फंस गए। इनपर मौजूद अधिकतर लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
'ताउते' साइक्लोन के चलते समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें तो उठ रही ही हैं, भारी बारिश के चलते नेविगेशन भी आसान नहीं रहा। बॉम्बे हाई में ONGC अपने ऑफशोर प्लेटफॉर्म्स की मरम्मत का काम करवा रहा है। जब चक्रवात आया तो इस काम में लगे चार जहाज समुद्र में फंस गए। P-305, GAL कंस्ट्रक्टर और सपोर्ट स्टेशन 3 बार्ज के अलावा सागर भूषण ड्रिलशिप भी लहरों के बीच भटक गई। अभी P-305 के 93 लोगों को रेस्क्यू किया जाना बाकी है। ये सभी लाइफ सपोर्ट जैकैट पहने समुद्र में कहीं मौजूद हैं।
तीन बार्ज और एक ड्रिलशिप के समुद्र में फंसने की खबर मिलते ही भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड रेस्क्यू में लग गए। आम जनता के लिए बार्ज, ड्रिलशिप जैसे शब्द नए हैं। आइए आपको समुद्र में खतरनाक लहरों का सामना करने वाले इन जहाजों के बारे में बताते हैं।
बार्ज क्या होता है? किस काम आता है?
बार्ज एक तरह की फ्लैट-बॉटम वाली नाव होती है। इन्हें खासतौर पर नदियों और नहरों में ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार किया जाता था। समुद्री बार्ज को खुले समुद्र में कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के लिए डिजाइन किया जाता है। इनके जरिए माल ढुलाई सस्ती पड़ती है इसलिए इन्हें बल्क आइटम्स ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज करते हैं।
बॉम्बे हाई के संदर्भ में देखें तो बार्ज कई तेल कंपनियों के लिए काम कर रहे लोगों के क्वार्टर्स की तरह यूज होते हैं। यह एक तरह से तैरती कॉलोनियों जैसे होते हैं। रिहाइशी बार्ज की ऊंचाई 3-4 मंजिला इमारत जितनी हो सकती है।
अधिकतर बार्ज अन-पावर्ड होते हैं मतलब वे खुद से नेविगेट नहीं कर सकते। इसी वजह से उनका लंगर डालना पड़ता है। बार्ज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए टगबोट की जरूरत पड़ती है।
बार्ज और सामान्य नाव में क्या अंतर है?
किसी भी जलयान को जहाज या वेसल कह सकते हैं। लेकिन बार्ज उस नौका को कहते हैं जो नीचे से फ्लैट होता है। जहां जहाजों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय जलमार्गों में यूज किया जाता है, बार्ज आमतौर पर घरेलू जलमार्गों पर ही यूज होते हैं। बार्ज आमतौर पर नहरों, नदियों, क्रीक के जरिए ट्रांसपोर्ट की खातिर इस्तेमाल होते हैं।
जहाजों में अपना प्रॉपेलिंग सिस्टम होता है जबकि बार्ज को टगबोट के जरिए आगे-पीछे किया जाता है। बार्ज के मुकाबले जहाजों को चलाना आसान होता है। आमतौर पर बार्ज किसी जहाज के साथ जुड़े होते हैं, ऐसे में उनका नेविगेशन मुश्किल हो जाता है।
3-4 किलोमीटर लंबा होता है बार्ज का ऐंकर
बार्ज को इतनी आसानी से यहां-वहां मूव नहीं कर सकते। अगर काम को जल्दी बंद कर दिया जाए तो भी उन्हें हटाने में 8-10 दिन लग जाते हैं।
बार्ज का लंगर 3 से 4 किलोमीटर लंबा होता है। एक बार्ज के 8 लंगर होते हैं। उन्हें उठाने में कई दिन लग जाते हैं क्योंकि लंगरों को दूसरी नावों की मदद से खींचा जाता है और फिर बार्ज पर चढ़ाया जाता है। ठीक यही प्रक्रिया लंगर डालते समय भी अपनाई जाती है।
बार्ज मास्टर कौन होते हैं? क्या काम होता है?
जिस तरह हर जहाज का एक कैप्टन होता है, वैसे ही हर बार्ज का एक मास्टर होता है। बार्ज मास्टर एक तरह से मरीन सुपरवाइजर की भूमिका में होते हैं। उन्होंने प्रॉजेक्ट के मरीन ऑपरेशंस कोऑर्डिनेट करने होते हैं। वह बार्ज पर मौजूद सभी ऑफिसर्स और क्रू का इंचार्ज होता है।
बार्ज को नियमों के तहत ऑपरेट करने की जिम्मेदारी मास्टर की होती है। किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन वर्क को प्लान, डायरेक्ट और कोऑर्डिनेट करना मास्टर के जिम्मे होता है। वह कॉन्ट्रैक्टर को टेक्निकल और प्रैक्टिकल सलाह भी देते हैं। डेली रिपोर्ट्स तैयार करना, रिकॉर्ड रखना और लॉग बुक्स भरना भी मास्टर के जिम्मे होता है।
किसी आपातकालीन स्थिति में सभी चेतावनियों को ध्यान में रखकर आगे क्या करना है, इसका फैसला बार्ज मास्टर ही करता है।
ड्रिलशिप क्या होती हैं? कैसे काम करती हैं?
जैसा कि नाम से जाहिर है, ड्रिलशिप का इस्तेमाल समुद्र की सतह में ड्रिलिंग के लिए किया जाता है। इन्हें समुद्र से तेल या गैस निकालने का सेफ ऑप्शन माना जाता है। इन्हें सेमी-पनडुब्बियों के मुकाबले लान-ले जाना आसान होता है। ड्रिलशिप का इस्तेमाल समुद्र में रिसर्च के लिए भी किया जा सकता है।
ड्रिलिशिप पर मौजूद उपकरणों की क्षमता के आधार पर वे 600 मीटर से लेकर 3 किलोमीटर तक ड्रिल कर सकते हैं। पानी में उनके स्टेबल रहने के लिए मजबूत सपोर्ट केबल्स के अलावा गाउंड टैकल्स का इस्तेमाल होता है। ड्रिलशिप्स को 6 से 12 लंगरों के जरिए समुद्र की सतह से जोड़े रखा जाता है। इनकी सबसे बड़ी खामी यह है कि इन्हें लहरों से बहुत खतरा रहता है।
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