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रेमडेसिविर की कालाबाजारी:चार और पकड़ाए, 3 एजेंट अब भी फरार; सोशल मीडिया पर समाजसेवा के नाम पर देते थे झांसा


सोशल मीडिया पर समाजसेवा के नाम पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले चार और साथियों को पुलिस ने पकड़ा है। ये बदमाश ही गैंग को इंजेक्शन उपलब्ध कराते थे। इनमें से दो आरोपियों के पिता भी अपराधी रह चुके हैं। वहीं तीन अन्य एजेंट पुलिस के दबिश देने से पहले ही शहर छोड़कर भाग गए। गैंग की मदद करने में एक अस्पताल का नाम भी सामने आया है।

विजय नगर टीआई तहजीब काजी के अनुसार रेमडेसिविर कालाबाजारी गैंग के 10 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इन्होंने तीन ऐसे आरोपियों के नाम भी बताए हैं, जो इन्हें इंजेक्शन उपलब्ध कराते थे। ये अभी फरार हैं। उधर, यह भी पता चला कि एक आरोपी दिनेश चौधरी का पिता बंशीलाल भी धोखाधड़ी का आरोपी रह चुका है। उसने छावनी अनाज मंडी के एक व्यापारी से धोखाधड़ी की थी। वह इंदौर मजदूरी करने आया था, लेकिन बाद में व्यापारियों के साथ जुड़कर धोखाधड़ी करने लगा।

इसका बेटा दिनेश एमआईजी थाना क्षेत्र के अस्पताल से समाजसेवा के नाम से जुड़ा है। इसने पिछले लॉकडाउन में कुछ आइटम की कालाबाजारी की थी और इस बार रेमडेसिविर की कालाबाजारी में लग गया था। यह अस्पताल में पूरी गैंग बनाकर काम कर रहा था। इसी गैंग के एक और आरोपी धीरज के पिता तरुण साजनानी का भी आपराधिक रिकाॅर्ड है। तरुण सालों पहले हुए विष्णु उस्ताद हत्याकांड का आरोपी रह चुका है। पुलिस धीरज का भी रिकार्ड खंगाल रही है। टीआई का कहना है इस गैंग से बैंककर्मी और अन्य युवतियां भी जुड़ी होने की बात पता चली है।