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एक साल में 65 करोड़ का प्लेन बना 'कबाड़', अब किराए पर विमान लेने की तैयारी कर रही शिवराज सरकार

भोपाल कोरोना काल में पिछले साल शिवराज के उड़न खटोले पर खूब राजनीति हुई थी। ये विवाद एमपी सरकार की नई सवारी को लेकर हुई थी। शिवराज सरकार ने दुनिया के बेहतरीन बिजनेस क्लास प्लेन में शुमार बीच क्राफ्ट किंग एयर बी 200-जीटी को खरीदा था। कीमत को लेकर भी काफी विवाद था। कांग्रेस ने उस वक्त खूब हंगाम खड़ा किया था। सरकार की यह सवारी अगस्त महीने में भोपाल पहुंची थी। अब विमान को आए हुए एक साल भी नहीं हुआ है और मेटेनेंस के अभाव में कबाड़ बन गया है। दरअसल, एमपी में कोरोना जब अपने पीक पर था, तब रेमडेसिविर इंजेक्शन की दिक्कत शुरू हो गई थी। सरकार ने अस्पतालों में इंजेक्शन पहुंचाने के लिए सरकारी हेलिकॉप्टर और विमान का इस्तेमाल शुरू किया है। यह विमान गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर ग्वालियर पहुंचा था। इस दौरान हादसे का शिकार हो गया है। छह मई को ग्वालियर स्थित महाराजपुरा एयरबेस के रनवे पर वह बैरियर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में कॉकपिट के आगे का हिस्सा, प्रोपैलर ब्लैड, प्रोपैलर हब और व्हील क्षतिग्रस्त हो गए थे। 21 दिन से है खड़ा विमान को क्षतिग्रस्त हुए आज 21 दिन बीत गया है। इन 21 दिनों में भी विमान को ठीक नहीं किया गया। अभी एमपी सरकार के पास कोई अपना विमान नहीं है। ऐसे में सरकार की दिक्कतें भी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिवराज सरकार अब किराए पर विमान लेने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का बीमा भी नहीं था। ऐसे में इसे ठीक कराने का खर्चा भी राज्य सरकार को ही उठानी पड़ेगी। अमेरिकी कंपनी ने इंजीनियर भेजने से किया इनकार दरअसल, सरकार ने अमेरिकी एविएशन कंपनी ट्रैक्सट्रॉन से यह विमान खरीदा था। बताया जाता है कि यह विमान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस तरह के विमान अभी सिर्फ हरियाणा सरकार के पास है। ऐसे में विमान को ठीक करने की जिम्मेदारी भी अमेरिकी कंपनी के पास ही हैं। कोरोना की वजह से अमेरिकी कंपनी ने इंजीनियर को भेजने इनकार कर दिया है। ऐसे में राज्य सरकार के पास अब कोई चारा नहीं बचा है। डीजीसीए कर रही है जांच इस हादसे में प्लेन के दो पायलटों को हल्की चोट आई थी। उसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। मामले की जांच डीजीसीए कर रही है। दो अफसरों की टीम ने घटनास्थल का मुआयना भी किया है। अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है कि ये हादसा कैसे हुआ। किराए पर विमान लेगी सरकार स्टेट प्लेन खराब होने की वजह से सरकार के पास अब कोई विमान नहीं है। ऐसे में सरकारी कामों में भी असुविधा हो रही है। खबरों के अनुसार शिवराज सरकार अब किराए पर विमान लेने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कई विमानन कंपनियों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। कंपनियों की तरफ से जो प्रस्ताव मिले हैं, उसके अनुसार हर घंटे विमान का किराया 5 लाख रुपये होगा। सरकार ने कहा है कि कंपनियों नो शॉर्ट नोटिस में भी विमान उपलब्ध करवाने होंगे। हालांकि कंपनियों के शर्त है कि उड़ान भरे या नहीं भरे, हर महीने 30-31 का किराया चाहिए। छत्तीसगढ़ में पड़ा बंगलादेश का विमान गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी छह साल से बांग्लादेश की यूनाइटेड एयरवेज का विमान पड़ा हुआ है। 2015 में तकनीकी खराबी के बाद इस विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। मगर आज तक इस विमान को यहां से ठीक करवाकर नहीं ले जाया गया है।


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