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आर्मी मेडिकल ऑफिसर्स के लिए टूर ऑफ ड्यूटी की शुरूआत

नई दिल्ली कोरोना महामारी के कहर से निपटने के लिए इंडियन आर्मी, नेवी, एयरफोर्स लगातार सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की मदद कर रही है। मेडिकल ऑफिसर्स की संख्या कम न हो और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को भी मदद मिलती रहे इसके लिए अब ऑर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज से रिटायर हुए मेडिकल ऑफिसर्स को टूर ऑफ ड्यूटी के तहत फिर से कॉन्ट्रैक्ट पर रिक्रूट किया जा रहा है। इस संबंध में राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है। रक्षा मंत्रालय ने आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज के डायरेक्टर जनरल को पत्र भेजकर इसके बारे में अवगत कराया है। इसमें कहा गया है कि कोविड मामलों में आई अचानक तेजी की वजह से पूर्व एएमसी (आर्मी मेडिकल कोर) और एसएससी (शॉर्ट सर्विस कमिशन) मेडिकल ऑफिसर्स को टूर ऑफ ड्यूटी स्कीम के तहत फिर से रिक्रूट किया जा सकता है। अभी सिर्फ 400 लोगों को ही रिक्रूट किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि जो पूर्व एएमसी और एसएससी मेडिकल ऑफिसर्स साल 2017 से 2021 के बीच रिलीज हुए हैं उन्हें फिर से रिक्रूट किया जा सकता है। टूर ऑफ ड्यूटी के तहत कॉन्ट्रैक्ट पीरियड अधिकतम 11 महीने का होगा। उन्हें बेसिक पेंशन का अमाउंट घटाकर महीने के हिसाब से एक तय अमाउंट दिया जाएगा साथ ही जहां पर लागू होगा वहां पर स्पेशलिस्ट पे भी दिया जाएगा। यह अमाउंट पूरे कॉन्ट्रैक्ट पीरियड के लिए एक जैसा रहेगा। जिन मेडिकल ऑफिसर्स को टूर ऑफ ड्यूटी स्कीम के तहत रिक्रूट किया जाएगा वह सिविलियन स्टैंडर्ड के हिसाब से मेडिकली फिट होने चाहिए। कोई और अलाउंस नहीं दिया जाएगा। इसका खर्चा तीनों सर्विस (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) के इस साल के बजट से निकाला जाएगा। पिछले साल मई से इंडियन आर्मी आम लोगों को तीन साल के लिए आर्मी जॉइन कराने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसे ‘टूर ऑफड्यूटी’ या तीन साल की शॉर्ट सर्विस का नाम दिया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक यह कंपलसरी मिलिट्री सर्विस की तरह नहीं होगा। बल्कि कुछ वेकेंसी निकाली जाएंगी और युवा उसके लिए वॉलंटियर कर सकते हैं। हालांकि सिलेक्शन क्राइटीरिया में कोई छूट नहीं दी जाएगी। यानी आर्मी क्वॉलिटी से कोई समझौता नहीं करेगी। फिलहाल कोविड काल में इसे मेडिकल ऑफिसर्स के लिए लागू कर दिया गया है।


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