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जेडीयू नेता ने कहा- 'अगर कुंभ और चुनाव हो सकता है तो किसानों का प्रदर्शन क्यों नहीं'

नई दिल्लीबिहार में कोविड के बीच सियासी उठापठक भी देखने को मिल रही है। एनडीए के अंदर अलग-अलग बयानों से कुछ ऐसा ही संदेश जा रहा है। वहीं जेडीयू ने एक बार फिर किसान आंदोलन को भी सपोर्ट कर दिया है। साथ ही 26 मई को होने वाले किसान आंदोलन को भी सही ठहराया। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि कोविड काल में कुंभ हुए, चुनाव हुए तो फिर इनके विरोध पर सवाल क्यों। जेडीयू नेता ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के उत्पीड़न को लेकर लगातार सवाल उठा रही है। केसी त्यागी ने सरकार से की ये अपीलकेसी त्यागी ने कहा कि वह किसानों से बातचीत के लिए सरकार से अपील करते हैं और किसानों को वाजिब हक दिया जाना चाहिए। हालांकि जेडीयू नेता ने विपक्षी दलों के समर्थन को घड़ियाली आंसू बताया और कहा कि वे सिर्फ अपने सियासी हित के लिए उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं। मालूम हो कि किसान आंदोलन के नाम पर बीजेपी को पहले भी अपने सहयोगी दलों से आलोचना का शिकार होना पड़ा है। अकाली दल इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार से अलग हुई थी। नीतीश का आदेश कोई मंत्री लॉकडाउन में दौरा नहीं करेगावहीं बिहार में सीएम नीतीश कुमार के एक आदेश के बाद भी कई तरह की सियासी चर्चा उठी है। नीतीश कुमार की ओर से आदेश जारी किया गया कि लॉकडाउन में कोई मंत्री किसी तरह का न दौरा करेगा न ही किसी तरह का निरीक्षण करने जाएगा। बिहार सरकार के आदेश के अनुसार अगर जरूरत महसूस हो तो मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही समीक्षा मीटिंग करें। यह आदेश ऐसे समय जारी किया जब राज्य के कई मंत्री लगातार निरीक्षण कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी राज्य के तमाम जिलों में अस्पताल का दौरा कर रहे थे। इस आदेश के बाद कम से कम दो दर्जन मंत्रियों के पहले से जो दौरे तय थे वह रद्द हो गये। जीतनराम मांझी ने PM पर किया ट्वीट, बाद में डिलीट कर दियाएनडीए के सहयोगी हम पार्टी के संस्थापक जीतन मांझी ने सोमवार को कोविड मैनेजमेंट को लेकर सीधा पीएम नरेन्द्र मोदी पर सवाल उठा दिया। मांझी ने टीकाकरण के बाद मिलने वाले प्रमाण पत्र पर पीएम मोदी की तस्वीर पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया। लेकिन विवाद बढ़ता देख उन्होंने इसे डिलीट कर दिया। ट्वीट भले डिलीट हो गया लेकिन इस पर सियासत जरूर तेज हो गई। बीजेपी नेता ने मांझी के बयान पर उठाए सवालबीजेपी के एक नेता ने कहा कि उनका बयान घोर आपत्तिजनक है। लेकिन अभी कोविड की स्थिति देखते हुए इसका मुद्दा नहीं बनाया जाएगा लेकिन समय आने पर इसका जवाब लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के कारण ही बिहार में एनडीए की सरकार है। दरअसल जीतन मांझी ने पहली बार नहीं है जब अपने ही गठबंधन पर सवाल उठाया है। उनकी पार्टी के पांच विधायक हैं। उनके अलाव दूसरे सहयोगी वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी हाल में मांझी के साथ करीबी बढ़ायी। दोनों तब भी नाराज हुए थे जब मंत्रिमंडल विस्तार में उनके एक-एक नेताओं को जगह नहीं दी गयी।


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