नंदन में तीन और दमुआ में दो अवैध क्लीनिक सील
दमुआ। निकाय क्षेत्र के इलाके नंदन और दमुआ में नायब तहसीलदार पूर्णिमा खंडायत ने पुलिस तथा चिकित्सा क्षेत्र के विभागीय अमले की मौजूदगी में अपनी पंजीकृत चिकित्सा पद्धति से हटकर एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप चिकित्सकों की क्लीनिक सील की। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक नंदन क्षेत्र में चांदसी दवाखाना चलाने वाले शख्स बाबुल अधिकारी मेवालाल राजपूत और यूके इवनाती के प्रैक्टिस स्थलों, क्लीनिक को तथा दमुआ में डॉ स्वाति राजकुमार राय और एक खून पेशाब की जांच करने वाले नवीन राय की लैब पर प्रशासन ने सीलिंग की कार्रवाई की।
बताया गया कि सभी प्रेक्टिसनर्स के पास एलौपैथी चिकित्सा पद्धति से संबंधित दवाइयां और इंजेक्शन पाए गए, जबकि इनका पंजीयन होम्योपैथी, इलेक्ट्रो होम्योपैथी, हर्बलपैथी जैसी चिकित्सा पद्धति से इलाज करने वाले चिकित्सक के रूप में था। नायब तहसीलदार पूर्णिमा खंडायत, पटवारी ललित इवनाती, चिकित्सक डॉ संजय भटकर, सुपरवाइजर एसएस अनेराव और एएसआई महेश उइके की मौजूदगी में सभी प्रैक्टिसनर्स के प्रैक्टिस पॉइंट्स पर पंचनामा बनाया गया, दवाइयां और इंजेक्शंस जप्त किए गए हैं। बीते दिनों एलोपैथी चिकित्सकों की ओर से भी कहा गया था कि दमुआ और इसके आसपास के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की गंभीर स्थिति के लिए क्षेत्र के झोलाछाप चिकित्सकों का इलाज जिम्मेदार है।
दरअसल गरीब अनजान बीमार लोग पहले पहल कुछ दिनों तक इन्ही के पास इलाज कराते रहते हैं जुन्नाारदेव और छिंदवाड़ा में ऑक्सीजन लेवल कम होने की समस्या से जूझते मरीजों के बारे में आशंका भी व्यक्त की गई कि इनकी यह स्थिति इसलिए है क्योंकि इन्हें मलेरिया अथवा टाइफाइड के हाई डोज दवाइयां दी जाती रहीं। क्षेत्र के घोरावाड़ी ग्राम में अनुविभागीय अधिकारी ने पहले ही ऐसे एक चिकित्सकीय स्थल को बंद करवा दिया था, जबकि दूसरा अरसे पहले से ही गायब हो चुका है।