इंदौर में फल बेचते बच्चों की तस्वीर की सच्चाई आई सामने, पुलिस को मिल रही सलामी
इंदौर कोरोना कर्फ्यू के दौरान सड़क किनारे बैठकर फल बेचते दो बच्चों की तस्वीर वायरल है। वायरल तस्वीर में फल की टोकरी के करीब दो बच्चे बैठे हैं। किसी ने यह तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी थी। यह तस्वीर इंदौर की है। साथ ही सीएम शिवराज और वहां के प्रशासनिक अधिकारियों से इन बच्चों के लिए मदद की मांग की थी। प्रशासन ने भी तत्परता दिखाते हुए इस तस्वीर पर कार्रवाई की है। साथ ही अब तस्वीर की सच्चाई भी सामने आ गई है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने इस तस्वीर के सामने आने के बाद तुरंत जांच के आदेश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर पवन जैन और नगर निगम अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव मौके पर पहुंचकर पूछताछ की। उसके बाद तस्वीर की सच्चाई सामने आ गई है। फोटो में दिख रही लड़की के पिता नीरज विश्वकर्मा ने बताया कि उनकी 9 वर्षीय बेटी हिमाक्षी आईपीएस मेन कैंपस राऊ में चौथी कक्षा में पढ़ती है। 19 मार्च को हिमाक्षी उनके पड़ोस के घर में रहने वाले आयुष (जिसके पिता राधेश्याम पाटिल फल बेचने का कार्य करते हैं) के साथ खेलते हुए उनकी फल बेचने के टोकरी के सामने जाकर बैठ गई।
किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी तस्वीर
उन्होंने बताया कि इसी समय किसी ने इन बच्चों की फोटो ले ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। नीरज विश्वकर्मा ने बताया कि वे स्वयं फोटोग्राफी ट्रेनिंग देते हैं और इनकम टैक्स पेयर हैं। उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी नहीं है। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि इस महामारी के समय में गलत तथ्यों को गलत तरीके से लोगों तक ना पहुंचाया जाए और सही खबर लोगों तक पहुंचा कर उनका सहयोग किया जाए।
लड़के के परिवार को मिली मदद
इसी तरह फोटो में दिखाई दे रहा लड़का आयुष, स्नेहलतागंज डीआरपी लाइन चौराहा निवासी राधेश्याम पाटिल का बेटा है। राधेश्याम मूलतः बड़वानी जिले के निवासी हैं, जहां उनकी खुद की खेती है। वे लगभग 2 साल पहले इंदौर आए और सियागंज के सर्विस सेंटर पर मैकेनिक के रूप में कार्य कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण अभी नौकरी पर नहीं जा रहे हैं और उनकी पत्नी भारती पाटिल आसपास के घरों में घरेलू कार्य करती हैं। राधेश्याम ने बताया कि वह पिछले तीन-चार दिनों से खुद फल बेचने का कार्य कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गत दिवस रोज की भांति उनके बच्चे फल बेचने वाली जगह के आसपास ही खेल रहे थे, वे कुछ देर के लिए शौचालय गए तो उनका बेटा आयुष फल बेचने के लिए उनकी जगह पर बैठ गया और इतने ही समय में किसी ने आकर फोटो ले ली। राधेश्याम ने बताया कि उनके दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं एवं उनके घर में खाद्यान्न की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है।
पुलिस ने की मदद
वहीं, इंदौर आईजी हरिनारायणचारी मिश्र के निर्देश पर आर आई अजय तोमर भी मौके पर पहुंचे। फल बेच रहे लड़के पिता ने कहा कि हमारे पास ठेला नहीं है, इसलिए फुटपाथ पर बैठकर बेच रहे हैं। पुलिस ने अपनी तरफ से राधेश्याम को ठेला खरीदकर दिया है। साथ ही उनके सारे फल खरीदकर पुलिसकर्मियों में बांट दिए हैं। इसके साथ ही पुलिस अधिकारी ने उसके घर की टीवी को भी ठीक करवा दिया। साथ ही 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की है।
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