बाबा रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में डॉक्टरों का एक जून को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
नयी दिल्ली: रामदेव की एलोपैथी पर की टिप्पणियों पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। अब नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशनों के परिसंघ ने शनिवार को कहा कि वे एक जून को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। रेजिडेंट डॉक्टर इसे काले दिवस के रूप में मनाएंगे।परिसंघ ने बयान जारी कर रामदेव से 'सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगने' को कहा। कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था।
रामदेव ने पूछे थे 25 सवाल
रामदेव ने कहा था, 'कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।' रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बयान वापस लेने को कहा। रामदेव ने रविवार को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया। अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।
आईएमए के बाद FAIMA ने भी भेजा कानूनी नोटिस
योगगुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एलोपैथी पर टिप्पणी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बाद अब फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने भी रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है। FAIMA ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए और पूरे देश में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDAs) की ओर से रामदेव को कानूनी नोटिस थमा दिया है।
15 दिन के अंदर माफी मांगने की मांग रखी थी
नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है, जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है।
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