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राजस्थान: कमलेश प्रजापत एनकाउंटर, पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, सरकार से मांगा जवाब

जोधपुर: बाड़मेर का बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर कमलेश की पत्नी की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है। तस्कर कमलेश की पत्नी जसोदा की ओर से पेश याचिका में इस एनकाउंटर को सुनियोजित हत्या बताते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया गया है। साथ ही इस मामले में पांच करोड़ रुपए के हर्जाना देने की मांग करते हुए यह राशि बाड़मेर पुलिस अधीक्षक, उप अधीक्षक सहित 24 अन्य पुलिसकर्मियों से वसूल कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की गई है। राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश विनीत माथुर की कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किए है। मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी। 

कोर्ट में यह दी गई दलील 

बता दें कि बाड़मेर में 23 अप्रैल 2021 को एक कमलेश प्रजापत को पुलिस ने एनकाउंटर कर मार गिराया था। अब उसके परिजनों तरफ से इस बारे में याचिका पेश की गई है। अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा ने हाईकोर्ट में बताया कि यह बिलकुल साफ तौर पर हत्या का मामला है। पुलिस जिसे मुठभेड़ करार दे रही है ,वह वास्तव में हुई ही नहीं। गोली लगने के दौरान कमलेश के पास कोई हथियार भी बरामद नहीं हुआ। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कमलेश को बहुत निकट से सीने में गोली मारी गई, जबकि पुलिस चाहती तो उसे पकड़ सकती थी। वहीं सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि पुलिस ने गोली चलाना दर्शाने के लिए पुलिस ने कमलेश के वाहन के कांच पर लाठी से ताबड़तोड़ वार किए है। साथ ही पुलिस ने अपने वाहन के बोनट पर भी लाठियां बरसाई ताकि मुठभेड़ को दर्शाया जा सके। घटनाक्रम के वीडियो से स्पष्ट है कि यह मुठभेड़ नहीं बल्कि हत्या है। 

याचिका में फोन डिटेल्स निकलवाने की मांग 

याचिका में मांग की गई है कि पुलिस की ओर से जब्त किए गए कमलेश के 14 मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराई जाए। इससे खुलासा हो सकेगा कि उसकी किन-किन लोगों से बातचीत हुई। इसके बाद घटनाक्रम बदल गया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विशेषज्ञों के माध्यम से नए सिरे से जांच कराई जाए। याचिका में दावा किया गया है कि कमलेश के घर से बरामद पचास लाख रुपए का हिसाब साफ सुथरा है और उसकी बैलेंस शीट में है। वहां से बरामद सभी वाहनों के टाइटल भी स्पष्ट है। 

24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो 

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में बाड़मेर एसपी सहित 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू करनी चाहिये। साथ ही पांच करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा गया है। मुआवजे की राशि पुलिसकर्मियों से व्यक्तिगत रूप से वसूले जाने का आग्रह किया गया है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गृह विभाग के सचिव डीजीपी एस सी पाली और सांडेराव थाना अधिकारी की जारी किए गए नोटिस राजकीय के अधिवक्ता को दिए गए।


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