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भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानें, धुआंधार जलप्रपात और हसीन वादियों की खूबसूरती देख नहीं हटेंगी नजरें

भेड़ाघाट की संगमरमरी चट्टानें, धुआंधार जलप्रपात और हसीन वादियों की खूबसूरती देख नहीं हटेंगी नजरें

विश्व की खूबसूरत धुआंधार जलप्रपात में से एक भेड़ाघाट को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में शामिल कर ली है। यह एमपी के लिए एक बड़ा तोहफा है। भेड़घाट की विहंगम खूबसूरती को देखने देश ही नहीं, विदेश से भी सैलानी आते हैं।

जबलपुर जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर पर स्थित भेड़ाघाट की खूबसूरती देख आपकी नजरें नहीं हटेंगी। कोरोना की वजह से इन दिनों भेड़ाघाट वीरान है। भेड़ाघाट अपनी खूबसूरत संगमरमरी चट्टानों के लिए जाना जाता है। संगमरमरी चट्टानों के बीच से होकर नर्मदा बहती है। संगमरमरी चट्टानों में ही धुंआधार जलप्रपात है, जहां 50 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। ऊंचाई से पानी गिरने के बाद एक धुआं जैसा उठता है जिसे धुआंधार कहा जाता है। इस धुआंधार और भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियों को देखने के लिए देश विदेश से हर साल लाखों लोग यहां पर आते हैं।


100-100 फीट ऊंची हैं चटानें
100-100 फीट ऊंची हैं चटानें

भेड़ाघाट में संगमरमर की 100-100 फुट ऊंची चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा नदी बहुत ही शांत वातावरण में बहती है। चट्टानों के बीच से बहती नर्मदा नदी में नाव से घूमने के लिए हर साल लोग यहां पर आते हैं। संगमरमर की ऊंची चट्टानों के बीच से जब नाव लोगों को लेकर गुजरती है तो यह दृश्य काफी विहंगम होता है। इसे सैलानी अपने कैमरे में कैद करने से नहीं चुकते हैं।



रोपवे से भी जाते खूबसूरती देखने
रोपवे से भी जाते खूबसूरती देखने

रोपवे के माध्यम से भी लोग भेड़ाघाट की खूबसूरती को और नजदीक से देख सकते हैं। भेड़ाघाट में हर साल शरद पूर्णिमा के दिन दो दिवसीय नर्मदा उत्सव का आयोजन प्रदेश सरकार की तरफ से किया जाता है, जहां पर देश भर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। शरद पूर्णिमा की रात चांद की किरणें जब संगमरमर पर पड़ती है तो संगमरमर दूधिया रंग का दिखाई देता है।



पूरे साल आते हैं सैलानी
पूरे साल आते हैं सैलानी

भेड़ाघाट एमपी का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। पूरे साल यहां सैलानी आते हैं। बारिश के दिनों में यहां का नजारा कापी अद्बभुत होता है। इस दौरान काफी संख्या में सैलानी आते हैं।



चौसठ योगिनी मंदिर भी यहां
चौसठ योगिनी मंदिर भी यहां

यहीं पर 10वीं शताब्दी का कलचुरिकालीन चौसठ योगिनी मंदिर है। चौसठ योगिनी में 64 योगिनी अर्थात देवियों की प्रतिमा है। जबलपुर की जीवनदायनी नर्मदा नदी के पास भेड़ाघाट में धुंआधार जलप्रपात, पंचवटी घाट, बंदरकुदनी, औरचौसठ योगिनी मंदिर प्रमुख स्थल है।



ऐसे पहुंच सकते हैं भेड़ाघाट
ऐसे पहुंच सकते हैं भेड़ाघाट

भेड़ाघाट पहुंचने के लिए पर्यटक वायुमार्ग से जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पहुंचकर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। वहीं, रेल मार्ग से भी यहां पंहुचा जा सकता है। पर्यटकों को रेल मार्ग से आने के लिए भेड़ाघाट स्टेशन पर उतरना पड़ेगा और यहां से ऑटो या अन्य साधनों से भेड़ाघाट पहुंचा जा सकता है। भेड़ाघाट यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल हो गया है।



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