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विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों को नहीं मिला सातवें वेतनमान का एरियर


उज्जैन: सातवें वेतनमान का जो एरियर मार्च में ही शिक्षकों को मिल जाना था, जो वो विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षकों को अब तक नहीं मिला है। स्थिति से शिक्षक संघ नाराज हैं। कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय का कहना है कि स्वीकृत तो कब का कर दिया है। मामला वेतन आडिट में अटका है। पहले आडिट के अधिकारी-कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए थे। इस वजह से देरी हो रही। जल्द ही वितरित कराया जाएगा।

मामूल हो कि शासन ने 4 फरवरी 2021 को आदेश जारी किया था कि विश्वविद्यालयीन शिक्षकों को निर्धारित अवधि 31 मार्च से पहले सातवें पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर का भुगतान कर दिया जाए। पर ऐसा नहीं हुआ। दो माह अधिक गुजरने को आए हैं। इस दरमियान कई शिक्षक महामारी कोराना से संक्रमित हुए। मानसिक और आर्थिक रूप से समस्या ग्रस्त रहे। शिक्षक संघ ने कार्रवाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा। पर भुगतान नहीं हुआ। कुछ शिक्षकों का कहना है कि आडिट विभाग में कार्यरत अफसरों की लापरवाही और लेनदेन की चाह के कारण भुगतान अटका है। भविष्य में भुगतान अटकाए जा सकते हैं, इसलिए कोई खुलकर शिकायत नहीं कर रहा। इधर, कुलपति ने नईदुनिया से कहा है कि आडिट विभाग के कुछ कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए थे, इसलिए भुगतान में देरी हुई है। जल्द ही भुगतान कराएंगे।

कुलसचिव और दो प्रोफेसरों को मौत पर परिवार को नहीं मिली 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता

विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षक, अफसर-कर्मचारियों की मृत्यु होने पर परिवार को 24 घंटे में 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का प्राविधान है। ये राशि यहां के दिवंगत तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के परिजन को तो मिली, पर दिवंगत कुलसचिव यूएन शुक्ला, प्रो. आरके अहिरवार और प्रो. महेंद्रसिंह हाड़ा के परिवार को यह राशि नहीं दी गई। कुलपति ने इस मामले में कहा है कि प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारी, शिक्षक को राशि देने और कितनी राशि देने की पात्रता है, इसकी रिपोर्ट कुलसचिव से मांगी है। अगर देने का प्राविधान है तो अवश्य देंगे।